Surah Maidah Ayat 65 Tafseer in Hindi
﴿وَلَوْ أَنَّ أَهْلَ الْكِتَابِ آمَنُوا وَاتَّقَوْا لَكَفَّرْنَا عَنْهُمْ سَيِّئَاتِهِمْ وَلَأَدْخَلْنَاهُمْ جَنَّاتِ النَّعِيمِ﴾
[ المائدة: 65]
और अगर अहले किताब ईमान लाते और (हमसे) डरते तो हम ज़रूर उनके गुनाहों से दरगुज़र करते और उनको नेअमत व आराम (बेहिशत के बाग़ों में) पहुंचा देते
Surah Al-Maidah Hindi
Surah Maidah Verse 65 translate in arabic
ولو أن أهل الكتاب آمنوا واتقوا لكفرنا عنهم سيئاتهم ولأدخلناهم جنات النعيم
سورة: المائدة - آية: ( 65 ) - جزء: ( 6 ) - صفحة: ( 119 )Surah Maidah Ayat 65 meaning in Hindi
और यदि किताबवाले ईमान लाते और (अल्लाह का) डर रखते तो हम उनकी बुराइयाँ उनसे दूर कर देते और उन्हें नेमत भरी जन्नतों में दाख़िल कर देते
Quran Urdu translation
اور اگر اہل کتاب ایمان لاتے اور پرہیز گاری کرتے تو ہم ان سے ان کے گناہ محو کر دیتے اور ان کو نعمت کے باغوں میں داخل کرتے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(5:65) Had the People of the Book only believed and been God-fearing, We should surely have effaced from them their evil deeds, and caused them to enter Gardens of Bliss.
And if only the People of the Scripture had believed and feared meaning
phonetic Transliteration
Walaw anna ahla alkitabi amanoo waittaqaw lakaffarna AAanhum sayyiatihim walaadkhalnahum jannati alnnaAAeemi
English - Sahih International
And if only the People of the Scripture had believed and feared Allah, We would have removed from them their misdeeds and admitted them to Gardens of Pleasure.
Quran Bangla tarjuma
আর যদি আহলে-কিতাবরা বিশ্বাস স্থাপন করত এবং খোদাভীতি অবলম্বন করত, তবে আমি তাদের মন্দ বিষয়সমূহ ক্ষমা করে দিতাম এবং তাদেরকে নেয়ামতের উদ্যানসমূহে প্রবিষ্ট করতাম।
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