Surah TaHa Ayat 74 Tafseer in Hindi
﴿إِنَّهُ مَن يَأْتِ رَبَّهُ مُجْرِمًا فَإِنَّ لَهُ جَهَنَّمَ لَا يَمُوتُ فِيهَا وَلَا يَحْيَىٰ﴾
[ طه: 74]
और (उसी को) सबसे ज्यादा क़याम है इसमें शक नहीं कि जो शख्स मुजरिम होकर अपने परवरदिगार के सामने हाज़िर होगा तो उसके लिए यक़ीनन जहन्नुम (धरा हुआ) है जिसमें न तो वह मरे ही गा और न ज़िन्दा ही रहेगा
Surah Ta-Ha Hindi
Surah TaHa Verse 74 translate in arabic
إنه من يأت ربه مجرما فإن له جهنم لا يموت فيها ولا يحيا
سورة: طه - آية: ( 74 ) - جزء: ( 16 ) - صفحة: ( 316 )Surah TaHa Ayat 74 meaning in Hindi
सत्य यह है कि जो कोई अपने रब के पास अपराधी बनकर आया उसके लिए जहन्नम है, जिसमें वह न मरेगा और न जिएगा
Quran Urdu translation
جو شخص اپنے پروردگار کے پاس گنہگار ہو کر آئے گا تو اس کے لئے جہنم ہے۔ جس میں نہ مرے گا نہ جیئے گا
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(20:74) 'In fact, *50 for the one who comes before his Lord as a criminal, there shall be Hell, wherein he shall neither live nor die. *51
Indeed, whoever comes to his Lord as a criminal - indeed, for meaning
*50) This is a saying of Allah, which has been added to the foregoing words of the magicians.
*51) This is the most terrible of all the punishments that have been mentioned in the Qur'an. The criminal will prefer death to the horrible life in Hell, but death will not come to him. He will remain in that state of agony without any hope of relief from it.
phonetic Transliteration
Innahu man yati rabbahu mujriman fainna lahu jahannama la yamootu feeha wala yahya
English - Sahih International
Indeed, whoever comes to his Lord as a criminal - indeed, for him is Hell; he will neither die therein nor live.
Quran Bangla tarjuma
নিশ্চয়ই যে তার পালনকর্তার কাছে অপরাধী হয়ে আসে, তার জন্য রয়েছে জাহান্নাম। সেখানে সে মরবে না এবং বাঁচবেও না।
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