Surah Al-Haqqah Ayat 35 Tafseer in Hindi
﴿فَلَيْسَ لَهُ الْيَوْمَ هَاهُنَا حَمِيمٌ﴾
[ الحاقة: 35]
और न पीप के सिवा (उसके लिए) कुछ खाना है
Surah Al-Haqqah Hindi
Surah Al-Haqqah Verse 35 translate in arabic
Surah Al-Haqqah Ayat 35 meaning in Hindi
"अतः आज उसका यहाँ कोई घनिष्ट मित्र नहीं,
Quran Urdu translation
سو آج اس کا بھی یہاں کوئی دوستدار نہیں
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(69:35) Today he has been left here friendless;
So there is not for him here this Day any devoted friend meaning
Ayats from Quran in Hindi
- (ऐ रसूल) तुम उनसे पूछो तो कि खुदा (के अज़ाब) से (बचाने में) रात को
- (उसकी इबादत इसलिए करते हैं) ताकि ख़ुदा उन्हें उनके आमाल का बेहतर से बेहतर बदला
- इसमें अलबत्ता तुम पर इल्ज़ाम नहीं कि ग़ैर आबाद मकानात में जिसमें तुम्हारा कोई असबाब
- पस जिन लोगों ने ईमान कुबूल किया और अच्छे-अच्छे काम किए (आख़िरत में) उनके लिए
- (उस दिन) ये लोग सिफारिश पर भी क़ादिर न होंगे मगर (वहाँ) जिस शख्स ने
- और कहने लगे कि ये क़ुरान इन दो बस्तियों (मक्के ताएफ) में से किसी बड़े
- देखो अगर तुमको यक़ीनी तौर पर मालूम होता (तो हरगिज़ ग़ाफिल न होते)
- (जब वह जा चुका) तो सुलेमान ने अपने अहले दरबार से कहा ऐ मेरे दरबार
- पस तुम ख़ुदा से डरते रहो ताकि (उनके) शुक्रगुज़ार बनो (ऐ रसूल) उस वक्त तुम
- और वह क्या अच्छा कारसाज़ है फिर (या तो हिम्मत करके गए मगर जब लड़ाई
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