Surah Araf Ayat 79 Tafseer in Hindi
﴿فَتَوَلَّىٰ عَنْهُمْ وَقَالَ يَا قَوْمِ لَقَدْ أَبْلَغْتُكُمْ رِسَالَةَ رَبِّي وَنَصَحْتُ لَكُمْ وَلَٰكِن لَّا تُحِبُّونَ النَّاصِحِينَ﴾
[ الأعراف: 79]
उसके बाद सालेह उनसे टल गए और (उनसे मुख़ातिब होकर) कहा मेरी क़ौम (आह) मैनें तो अपने परवरदिगार के पैग़ाम तुम तक पहुचा दिए थे और तुम्हारे ख़ैरख्वाही की थी (और ऊँच नीच समझा दिया था) मगर अफसोस तुम (ख़ैरख्वाह) समझाने वालों को अपना दोस्त ही नहीं समझते
Surah Al-Araf Hindi
Surah Araf Verse 79 translate in arabic
فتولى عنهم وقال ياقوم لقد أبلغتكم رسالة ربي ونصحت لكم ولكن لا تحبون الناصحين
سورة: الأعراف - آية: ( 79 ) - جزء: ( 8 ) - صفحة: ( 160 )Surah Araf Ayat 79 meaning in Hindi
फिर वह यह कहता हुआ उनके यहाँ से फिरा, "ऐ मेरी क़ौम के लोगों! मैं तो तुम्हें अपने रब का संदेश पहुँचा चुका और मैंने तुम्हारा हित चाहा। परन्तु तुम्हें अपने हितैषी पसन्द ही नहीं आते।"
Quran Urdu translation
پھر صالح ان سے (ناامید ہو کر) پھرے اور کہا کہ میری قوم! میں نے تم کو خدا کا پیغام پہنچا دیا اور تمہاری خیر خواہی کی مگر تم (ایسے ہو کہ) خیر خواہوں کو دوست ہی نہیں رکھتے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(7:79) And Salih left them, saying: 'O my people! I conveyed to you the message of my Lord and gave you good advice; but you have no liking for your well-wishers.'
And he turned away from them and said, "O my people, I meaning
phonetic Transliteration
Fatawalla AAanhum waqala ya qawmi laqad ablaghtukum risalata rabbee wanasahtu lakum walakin la tuhibboona alnnasiheena
English - Sahih International
And he turned away from them and said, "O my people, I had certainly conveyed to you the message of my Lord and advised you, but you do not like advisors."
Quran Bangla tarjuma
ছালেহ তাদের কাছ থেকে প্রস্থান করলো এবং বললঃ হে আমার সম্প্রদায়, আমি তোমাদের কাছে স্বীয় প্রতিপালকের পয়গাম পৌছিয়েছি এবং তোমাদের মঙ্গল কামনা করেছি কিন্তু তোমরা মঙ্গলকাঙ্খীদেরকে ভালবাস না।
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Ayats from Quran in Hindi
- (लोगों) मरा हुआ जानवर और ख़ून और सुअर का गोश्त और जिस (जानवर) पर (ज़िबाह)
- ऐ अहले किताब जब पैग़म्बरों की आमद में बहुत रूकावट हुई तो हमारा रसूल तुम्हारे
- क्या उन लोगों ने इस पर भी नहीं ग़ौर किया कि वह ख़ुदा जिसने सारे
- वह बोले कुछ परवाह नही हमको तो बहरहाल अपने परवरदिगार की तरफ लौट कर जाना
- फिर जब तुम्हारे पास इल्म (कुरान) आ चुका उसके बाद भी अगर तुम से कोई
- हमने उन से पहले कितने गिरोह हलाक कर डाले तो (अज़ाब के वक्त) ये लोग
- तो क्या तुम ऊँची जगह पर बेकार यादगारे बनाते फिरते हो
- और जो लोग उनसे पहले गुज़र गए उन्होंने भी (पैग़म्बरों को) झुठलाया था हालॉकि हमने
- और कुछ गॅवार देहाती (ऐसे भी हैं कि जो कुछ ख़ुदा की) राह में खर्च
- वह वही है जिसने तुम्हारे (फ़ायदे के) वास्ते ज़मीन को बिछौना बनाया और तुम्हारे लिए
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