Surah Nahl Ayat 107 Tafseer in Hindi
﴿ذَٰلِكَ بِأَنَّهُمُ اسْتَحَبُّوا الْحَيَاةَ الدُّنْيَا عَلَى الْآخِرَةِ وَأَنَّ اللَّهَ لَا يَهْدِي الْقَوْمَ الْكَافِرِينَ﴾
[ النحل: 107]
ये इस वजह से कि उन लोगों ने दुनिया की चन्द रोज़ा ज़िन्दगी को आख़िरत पर तरजीह दी और इस वजह से की ख़ुदा काफिरों को हरगिज़ मंज़िले मक़सूद तक नहीं पहुँचाया करता
Surah An-Nahl Hindi
Surah Nahl Verse 107 translate in arabic
ذلك بأنهم استحبوا الحياة الدنيا على الآخرة وأن الله لا يهدي القوم الكافرين
سورة: النحل - آية: ( 107 ) - جزء: ( 14 ) - صفحة: ( 279 )Surah Nahl Ayat 107 meaning in Hindi
यह इसलिए कि उन्होंने आख़िरत की अपेक्षा सांसारिक जीवन को पसन्द किया और यह कि अल्लाह कुफ़्र करनेवालो लोगों का मार्गदर्शन नहीं करता
Quran Urdu translation
یہ اس لئے کہ انہوں نے دنیا کی زندگی کو آخرت کے مقابلے میں عزیز رکھا۔ اور اس لئے خدا کافر لوگوں کو ہدایت نہیں دیتا
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(16:107) This is because they preferred the life of this world to the life in the Hereafter, and Allah does not show the Way of salvation to those people who are ungrateful!
That is because they preferred the worldly life over the Hereafter and meaning
phonetic Transliteration
Thalika biannahumu istahabboo alhayata alddunya AAala alakhirati waanna Allaha la yahdee alqawma alkafireena
English - Sahih International
That is because they preferred the worldly life over the Hereafter and that Allah does not guide the disbelieving people.
Quran Bangla tarjuma
এটা এ জন্যে যে, তারা পার্থিব জীবনকে পরকালের চাইতে প্রিয় মনে করেছে এবং আল্লাহ অবিশ্বাসীদেরকে পথ প্রদর্শন করেন না।
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Ayats from Quran in Hindi
- कि अब तो पकड़े गए मूसा ने कहा हरगिज़ नहीं क्योंकि मेरे साथ मेरा परवरदिगार
- और उसी की (क़ुदरत की) निशानियों में से एक ये भी है कि वह तुमको
- जब उनके पास उनके आगे से और पीछे से पैग़म्बर (ये ख़बर लेकर) आए कि
- ग़रज़ तुम दोनों उसके पास जाओ और कहो कि हम आप के परवरदिगार के रसूल
- तो क्या तुम लोग इस कलाम से इन्कार रखते हो
- बावजूद कि एक दूसरे को देखते होंगे
- तो हमने उनकी दुआ कुबूल की तो हमने उनका जो कुछ दर्द दुख था दफ़ा
- मगर साथ ही इसके (ये भी याद रहे कि) बेशक मेरा अज़ाब भी बड़ा दर्दनाक
- और (ऐ रसूल) काश तुम देखते (तो सख्त ताज्जुब करते) जब ये कुफ्फार (मैदाने हशर
- तो वह (ऐ रसूल) तुम्हारे परवरदिगार की (अपनी) क़िस्म हम उनको और शैतान को इकट्ठा
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