Surah Jathiyah Ayat 12 Tafseer in Hindi
﴿۞ اللَّهُ الَّذِي سَخَّرَ لَكُمُ الْبَحْرَ لِتَجْرِيَ الْفُلْكُ فِيهِ بِأَمْرِهِ وَلِتَبْتَغُوا مِن فَضْلِهِ وَلَعَلَّكُمْ تَشْكُرُونَ﴾
[ الجاثية: 12]
ख़ुदा ही तो है जिसने दरिया को तुम्हारे क़ाबू में कर दिया ताकि उसके हुक्म से उसमें कश्तियां चलें और ताकि उसके फज़ल (व करम) से (मआश की) तलाश करो और ताकि तुम शुक्र करो
Surah Al-Jaathiyah Hindi
Surah Jathiyah Verse 12 translate in arabic
الله الذي سخر لكم البحر لتجري الفلك فيه بأمره ولتبتغوا من فضله ولعلكم تشكرون
سورة: الجاثية - آية: ( 12 ) - جزء: ( 25 ) - صفحة: ( 499 )Surah Jathiyah Ayat 12 meaning in Hindi
वह अल्लाह ही है जिसने समुद्र को तुम्हारे लिए वशीभूत कर दिया है, ताकि उसके आदेश से नौकाएँ उसमें चलें; और ताकि तुम उसका उदार अनुग्रह तलाश करो; और इसलिए कि तुम कृतज्ञता दिखाओ
Quran Urdu translation
خدا ہی تو ہے جس نے دریا کو تمہارے قابو کردیا تاکہ اس کے حکم سے اس میں کشتیاں چلیں اور تاکہ تم اس کے فضل سے (معاش) تلاش کرو اور تاکہ شکر کرو
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(45:12) Allah it is Who has subjected the sea to you so that ships may sail upon it at His bidding *13 and you may seek of His Bounty *14 and give thanks to Him.
It is Allah who subjected to you the sea so that ships meaning
*13) For explanation, see Bani Isra'il: 66-67, Ar-Rum: 46 and the corresponding E.N.'s, and E.N. 55 of Luqman, E.N. 110 of Al Mu'min, and E.N. 54 of Ash-Shura.
*14) "Seek His bounty": Seek lawful provisions by trade, fishing, diving, navigation and other means in the sea.
phonetic Transliteration
Allahu allathee sakhkhara lakumu albahra litajriya alfulku feehi biamrihi walitabtaghoo min fadlihi walaAAallakum tashkuroona
English - Sahih International
It is Allah who subjected to you the sea so that ships may sail upon it by His command and that you may seek of His bounty; and perhaps you will be grateful.
Quran Bangla tarjuma
তিনি আল্লাহ যিনি সমুদ্রকে তোমাদের উপকারার্থে আয়ত্বাধীন করে দিয়েছেন, যাতে তাঁর আদেশক্রমে তাতে জাহাজ চলাচল করে এবং যাতে তোমরা তাঁর অনুগ্রহ তালাশ কর ও তাঁর প্রতি কৃতজ্ঞ হও।
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