Surah Infitar Ayat 17 Tafseer in Hindi
﴿وَمَا أَدْرَاكَ مَا يَوْمُ الدِّينِ﴾
[ الانفطار: 17]
और तुम्हें क्या मालूम कि जज़ा का दिन क्या है
Surah Al-Infitar Hindi
Surah Infitar Verse 17 translate in arabic
Surah Infitar Ayat 17 meaning in Hindi
और तुम्हें क्या मालूम कि बदले का दिन क्या है?
Quran Urdu translation
اور تمہیں کیا معلوم کہ جزا کا دن کیسا ہے؟
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(82:17) What do you know what the Day of Recompense is?
And what can make you know what is the Day of Recompense? meaning
Ayats from Quran in Hindi
- कोई उम्मत अपने वक्त से न आगे बढ़ सकती है न पीछे हट सकती है
- (ऐ रसूल) हमने तो तुमसे पहले भी अगली उम्मतों में (और भी बहुत से) रसूल
- और हमने उनका अच्छा चर्चा बाद को आने वालों में बाक़ी रखा है
- मै तो यक़ीनन तुम्हारा अमानतदार पैग़म्बर हूँ तो ख़ुदा से डरो
- (ऐ रसूल ये वह वक्त था) जब तुम्हारा परवरदिगार फ़रिश्तों से फरमा रहा था कि
- तो ये (कम्बख्त) मार डाला जाए
- (ऐ रसूल उस दिन से डराओ) जिस दिन सब को इकट्ठा करेगें-फिर मुशरेकीन से कहेंगें
- और जब पैग़म्बर लोग एक मुअय्यन वक्त पर जमा किए जाएँगे
- (ऐ रसूल) अगर तुमको इन लोगों के राहे रास्त पर जाने का हौका है (तो
- जो कुछ तुम्हारे पास तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से 'वही' की जाए बस उसी पर
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