Surah Infitar Ayat 18 Tafseer in Hindi
﴿ثُمَّ مَا أَدْرَاكَ مَا يَوْمُ الدِّينِ﴾
[ الانفطار: 18]
फिर तुम्हें क्या मालूम कि जज़ा का दिन क्या चीज़ है
Surah Al-Infitar Hindi
Surah Infitar Verse 18 translate in arabic
Surah Infitar Ayat 18 meaning in Hindi
फिर तुम्हें क्या मालूम कि बदले का दिन क्या है?
Quran Urdu translation
پھر تمہیں کیا معلوم کہ جزا کا دن کیسا ہے؟
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(82:18) Again, what do you know what the Day of Recompense is?
Then, what can make you know what is the Day of Recompense? meaning
Ayats from Quran in Hindi
- तो हम भी खुदा के निरे खरे बन्दे ज़रूर हो जाते
- और ख़ुदा का हुक्म मानों और रसूल का हुक्म मानों और (नाफ़रमानी) से बचे रहो
- (जवाब आएगा) ये वही फैसले का दिन है जिसको तुम लोग (दुनिया में) झूठ समझते
- वह लोग कहने लगे तो क्या तुम हमारे पास हक़ बात लेकर आए हो या
- और वह जो दीवार थी (जिसे मैंने खड़ा कर दिया) तो वह शहर के दो
- और हमने मूसा और उनके भाई (हारुन) के पास 'वही' भेजी कि मिस्र में अपनी
- क्या ये लोग किसी के (पैदा किये) बग़ैर ही पैदा हो गए हैं या यही
- कि उसके साथ एक (फरिश्ता) हॅका लाने वाला होगा
- जो लोग बातिल में पड़े खेल रहे हैं
- और ख़ुदा की बारगाह में अर्ज़ की कि ऐ हमारे पालने वाले जो कुछ तूने
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