Surah Infitar Ayat 19 Tafseer in Hindi
﴿يَوْمَ لَا تَمْلِكُ نَفْسٌ لِّنَفْسٍ شَيْئًا ۖ وَالْأَمْرُ يَوْمَئِذٍ لِّلَّهِ﴾
[ الانفطار: 19]
उस दिन कोई शख़्श किसी शख़्श की भलाई न कर सकेगा और उस दिन हुक्म सिर्फ ख़ुदा ही का होगा
Surah Al-Infitar Hindi5. (17-19) इन आयतों में दो वाक्यों में प्रलय की चर्चा दोहराकर उसकी भयानकता को दर्शाते हुए बताया गया है कि निर्णय बे लाग होगा। कोई किसी की सहायता नहीं कर सकेगा। सत्य आस्था और सत्कर्म ही सहायक होंगे जिसका मार्ग क़ुरआन दिखा रहा है। क़ुरआन की सभी आयतों में प्रतिकार का दिन प्रलय के दिन को ही बताया गया है जिस दिन प्रत्येक मनुष्य को अपने कर्मानुसार प्रतिकार मिलेगा।
Surah Infitar Verse 19 translate in arabic
يوم لا تملك نفس لنفس شيئا والأمر يومئذ لله
سورة: الانفطار - آية: ( 19 ) - جزء: ( 30 ) - صفحة: ( 587 )Surah Infitar Ayat 19 meaning in Hindi
जिस दिन कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति के लिए किसी चीज़ का अधिकारी न होगा, मामला उस दिन अल्लाह ही के हाथ में होगा
Quran Urdu translation
جس روز کوئی کسی کا بھلا نہ کر سکے گا اور حکم اس روز خدا ہی کا ہو گا
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(82:19) It is the Day when no one shall have the power to do anything for another, *8 and all command shall be Allah's.
It is the Day when a soul will not possess for another meaning
*8) That is, no one there will have the power to save anyone from suffering the consequences of his deeds; no one there will be so influential, strong, or such a favourite with AIIah that he should behave stubbornly in the Divine Court and say: "Such and such a one is a close relative or associate of mine; he will have to be forgiven, no matter what evils He might have committed in the world."
phonetic Transliteration
Yawma la tamliku nafsun linafsin shayan waalamru yawmaithin lillahi
English - Sahih International
It is the Day when a soul will not possess for another soul [power to do] a thing; and the command, that Day, is [entirely] with Allah.
Quran Bangla tarjuma
যেদিন কেউ কারও কোন উপকার করতে পারবে না এবং সেদিন সব কতৃꦣ2468;্ব হবে আল্লাহর।
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