Surah Buruj Ayat 18 Tafseer in Hindi
﴿فِرْعَوْنَ وَثَمُودَ﴾
[ البروج: 18]
(यानि) फिरऔन व समूद की (ज़रूर पहुँची है)
Surah Al-Burooj Hindi4. (17-18) इनमें अतीत की कुछ अत्याचारी जातियों की ओर संकेत है, जिनका सविस्तार वर्णन क़ुरआन की अनेक सूरतों में आया है। जिन्होंने आस्तिकों पर अत्याचार किए, जैसे मक्का के क़ुरैश मुसलमानों पर कर रहे थे। जबकि उनको पता था कि पिछली जातियों के साथ क्या हुआ। परंतु वे अपने परिणाम से ग़ाफ़िल थे।
Surah Buruj Verse 18 translate in arabic
Surah Buruj Ayat 18 meaning in Hindi
फ़िरऔन और समूद की?
Quran Urdu translation
(یعنی) فرعون اور ثمود کا
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(85:18) the armies of Pharaoh and Thamud? *8
[Those of] Pharaoh and Thamud? meaning
*8) The address is directed to the people who in their false pride of having powerful hosts, are breaking the law of God on His earth. They are being warned. as if to say: "Do you know what evil fate was stet before by those who broke the hounds set by AIIah on the strength of the power of their hosts'"
Ayats from Quran in Hindi
- और ये लोग वहाँ तकिये लगाए हुए (चैन से बैठे) होगें वहाँ (खुद्दामे बेहिश्त से)
- तो ख़ुदा ने उसे दुनिया और आख़ेरत (दोनों) के अज़ाब में गिरफ्तार किया
- फिर जब वह तुमसे तकलीफ को दूर कर देता है तो बस फौरन तुममें से
- और जो लोग अपनी शर्मगाहों को अपनी बीवियों और अपनी लौन्डियों के सिवा से हिफाज़त
- वह (ढिठाई से) कहने लगा मैं ऐसा गया गुज़रा तो हूँ नहीं कि ऐसे आदमी
- पस (ऐ रसूल) तुम्हारे परवरदिगार की क़सम ये लोग सच्चे मोमिन न होंगे तावक्ते क़ि
- तो तुम उनसे मुँह फेर लो और कह दो कि तुम को सलाम तो उन्हें
- यहाँ तक कि जब हम उनके मालदारों को अज़ाब में गिरफ््तार करेंगे तो ये लोग
- और (ऐ रसूल वह वक्त याद करो) जब हमने और पैग़म्बरों से और ख़ास तुमसे
- और जहाज़ जो दरिया में पहाड़ों की तरह ऊँचे खड़े रहते हैं उसी के हैं
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