Surah Assaaffat Ayat 170 Tafseer in Hindi
﴿فَكَفَرُوا بِهِ ۖ فَسَوْفَ يَعْلَمُونَ﴾
[ الصافات: 170]
(मगर जब किताब आयी) तो उन लोगों ने उससे इन्कार किया ख़ैर अनक़रीब (उसका नतीजा) उन्हें मालूम हो जाएगा
Surah As-Saaffat Hindi
Surah Assaaffat Verse 170 translate in arabic
Surah Assaaffat Ayat 170 meaning in Hindi
किन्तु उन्होंने इनकार कर दिया, तो अब जल्द ही वे जान लेंगे
Quran Urdu translation
لیکن (اب) اس سے کفر کرتے ہیں سو عنقریب ان کو (اس کا نتیجہ) معلوم ہوجائے گا
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(37:170) But when it came to them, they rejected it. They shall soon come to know (the end of such an attitude).
But they disbelieved in it, so they are going to know. meaning
phonetic Transliteration
Fakafaroo bihi fasawfa yaAAlamoona
English - Sahih International
But they disbelieved in it, so they are going to know.
Quran Bangla tarjuma
বস্তুতঃ তারা এই কোরআনকে অস্বীকার করেছে। এখন শীঘ্রই তারা জেনে নিতে পারবে,
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Ayats from Quran in Hindi
- जिन लोगों ने हमारी आयतों को झुठलाया है उनकी भी क्या बुरी मसल है और
- बेशक उन लोगों ने अपना सख्त घाटा किया और जो इफ़तेरा परदाज़िया किया करते थे
- (ये सुनते ही) मूसा ने अपनी छड़ी (ज़मीन पर) डाल दी पस वह यकायक (अच्छा
- और अगर ये कुफ्फ़ार कोई मौजिज़ा देखते हैं, तो मुँह फेर लेते हैं, और कहते
- और ताकि इससे तुम्हारे दिल की ढारस हो और (ये तो ज़ाहिर है कि) मदद
- ताकि जब कोई चीज़ तुमसे जाती रहे तो तुम उसका रंज न किया करो और
- तो वह सबके सब (मसल मसल) खडे क़िए जाते थे (ग़रज़ इस तरह लशकर चलता)
- और तुम्हें क्या मालूम कि जज़ा का दिन क्या है
- क्या तुम्हारे परवरदिगार के ख़ज़ाने इन्हीं के पास हैं या यही लोग हाकिम हैं
- हम लोग तो (अपने यहाँ) ज़ालिमों (चोरों) को इसी तरह सज़ा दिया करते हैं ग़रज़
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