Surah Furqan Ayat 19 Tafseer in Hindi
﴿فَقَدْ كَذَّبُوكُم بِمَا تَقُولُونَ فَمَا تَسْتَطِيعُونَ صَرْفًا وَلَا نَصْرًا ۚ وَمَن يَظْلِم مِّنكُمْ نُذِقْهُ عَذَابًا كَبِيرًا﴾
[ الفرقان: 19]
तब (काफ़िरों से कहा जाएगा कि) तुम जो कुछ कह रहे हो उसमें तो तुम्हारे माबूदों ने तुम्हें झूठला दिया तो अब तुम न (हमारे अज़ाब के) टाल देने की सकत रखते हो न किसी से मदद ले सकते हो और (याद रखो) तुममें से जो ज़ुल्म करेगा हम उसको बड़े (सख्त) अज़ाब का (मज़ा) चखाएगें
Surah Al-Furqan Hindi8. यह अल्लाह का कथन है, जो वह मिश्रणवादियों से कहेगा कि तुम्हारे पूज्यों ने स्वयं अपने पूज्य होने को नकार दिया। 9. अत्याचार से तात्पर्य शिर्क (मिश्रणवाद) है। (सूरत-लुक़मान, आयत : 13)
Surah Furqan Verse 19 translate in arabic
فقد كذبوكم بما تقولون فما تستطيعون صرفا ولا نصرا ومن يظلم منكم نذقه عذابا كبيرا
سورة: الفرقان - آية: ( 19 ) - جزء: ( 18 ) - صفحة: ( 361 )Surah Furqan Ayat 19 meaning in Hindi
अतः इस प्रकार वे तुम्हें उस बात में, जो तुम कहते हो झूठा ठहराए हुए है। अब न तो तुम यातना को फेर सकते हो और न कोई सहायता ही पा सकते हो। जो कोई तुममें से ज़ुल्म करे उसे हम बड़ी यातना का मज़ा चखाएँगे
Quran Urdu translation
تو (کافرو) انہوں نے تو تم کو تمہاری بات میں جھٹلا دیا۔ پس (اب) تم (عذاب کو) نہ پھیر سکتے ہو۔ نہ (کسی سے) مدد لے سکتے ہو۔ اور جو شخص تم میں سے ظلم کرے گا ہم اس کو بڑے عذاب کا مزا چکھائیں گے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(25:19) Thus will your gods deny alI that you are professing today. *27 Then you shall neither be able to repel your punishment nor shall get any help from anywhere; and whoso is guilty. of iniquity'' *28 among you, We shall make him taste a severe torment.
So they will deny you, [disbelievers], in what you say, and you meaning
*27) That is, "On that Day your religion, which you now believe, to be true. will prove to be false and even your gods, whom you yourselves have set up,' will declare it to be a lie; for none of them ever asked you to make them your deities and worship them as such. Consequently, instead of interceding on your behalf; they will bear witness against you."
*28) "... who will be guilty of iniquity ...": " .... who will be unjust to the Reality and the Truth and guilty of disbelief and shirk "The context shows that those who reject the Prophet and set up other deities instead of Allah and deny life in the Hereafter, are guilty of zulm (iniquity).
phonetic Transliteration
Faqad kaththabookum bima taqooloona fama tastateeAAoona sarfan wala nasran waman yathlim minkum nuthiqhu AAathaban kabeeran
English - Sahih International
So they will deny you, [disbelievers], in what you say, and you cannot avert [punishment] or [find] help. And whoever commits injustice among you - We will make him taste a great punishment.
Quran Bangla tarjuma
আল্লাহ মুশরিকদেরকে বলবেন, তোমাদের কথা তো তারা মিথ্যা সাব্যস্ত করল, এখন তোমরা শাস্তি প্রতিরোধ করতে পারবে না এবং সাহায্যও করতে পারবে না। তোমাদের মধ্যে যে গোনাহগার আমি তাকে গুরুতর শাস্তি আস্বাদন করাব।
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