Surah Ahqaf Ayat 29 Tafseer in Hindi
﴿وَإِذْ صَرَفْنَا إِلَيْكَ نَفَرًا مِّنَ الْجِنِّ يَسْتَمِعُونَ الْقُرْآنَ فَلَمَّا حَضَرُوهُ قَالُوا أَنصِتُوا ۖ فَلَمَّا قُضِيَ وَلَّوْا إِلَىٰ قَوْمِهِم مُّنذِرِينَ﴾
[ الأحقاف: 29]
और जब हमने जिनों में से कई शख़्शों को तुम्हारी तरफ मुतावज्जे किया कि वह दिल लगाकर क़ुरान सुनें तो जब उनके पास हाज़िर हुए तो एक दुसरे से कहने लगे ख़ामोश बैठे (सुनते) रहो फिर जब (पढ़ना) तमाम हुआ तो अपनी क़ौम की तरफ़ वापस गए
Surah Al-Ahqaaf Hindi19. आदरणीय इब्ने अब्बास (रज़ियल्लाहु अन्हुमा) कहते हैं कि एक बार नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) अपने कुछ अनुयायियों (सह़ाबा) के साथ उकाज़ के बाज़ार की ओर जा रहे थे। इन दिनों शैतानों को आकाश की सूचनाएँ मिलनी बंद हो गई थीं। तथा उनपर आकाश से अंगारे फेंके जा रहे थे। तो वे इस खोज में पूर्व तथा पश्चिम की दिशाओं में निकले कि इस का क्या कारण है? कुछ शैतान तिहामा (ह़िजाज़) की ओर भी आए और आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) तक पहुँच गए। उस समय आप नखला में फ़ज्र की नमाज़ पढ़ा रहे थे। जब जिन्नों ने क़ुरआन सुना, तो उसकी ओर कान लगा दिए। फिर कहा कि यही वह चीज़ है जिसके कारण हमको आकाश की सूचनाएँ मिलनी बंद हो गई हैं। और अपनी जाति से जा कर यह बात कही। तथा अल्लाह ने यह आयत अपने नबी पर उतारी। (सह़ीह़ बुख़ारी : 4921) इन आयतों में संकेत है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) जैसे मनुष्यों के नबी थे, वैसे ही जिन्नों के भी नबी थे। और सभी नबी मनुष्यों में आए। (देखिए सूरतुन-नह़्ल, आयत : 43, सूरतुल-फ़ुरक़ान, आयत : 20)
Surah Ahqaf Verse 29 translate in arabic
وإذ صرفنا إليك نفرا من الجن يستمعون القرآن فلما حضروه قالوا أنصتوا فلما قضي ولوا إلى قومهم منذرين
سورة: الأحقاف - آية: ( 29 ) - جزء: ( 26 ) - صفحة: ( 506 )Surah Ahqaf Ayat 29 meaning in Hindi
और याद करो (ऐ नबी) जब हमने कुछ जिन्नों को तुम्हारी ओर फेर दिया जो क़ुरआन सुनने लगे थे, तो जब वे वहाँ पहुँचे तो कहने लगे, "चुप हो जाओ!" फिर जब वह (क़ुरआन का पाठ) पूरा हुआ तो वे अपनी क़ौम की ओर सावधान करनेवाले होकर लौटे
Quran Urdu translation
اور جب ہم نے جنوں میں سے کئی شخص تمہاری طرف متوجہ کئے کہ قرآن سنیں۔ تو جب وہ اس کے پاس آئے تو (آپس میں) کہنے لگے کہ خاموش رہو۔ جب (پڑھنا) تمام ہوا تو اپنی برادری کے لوگوں میں واپس گئے کہ (ان کو) نصیحت کریں
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(46:29) And call to mind when We sent to you a party of the jinn that they may listen to the Qur'an. *33 When they reached the place (where you were reciting the Qur'an), they said to one another: 'Be silent (and listen).' And when the recitation ended, they went back to their people as warners.
And [mention, O Muhammad], when We directed to you a few of meaning
*33) The traditions that have been related from Hadrat `Abdullah bin Mas'ud, Hadrat Zubair, Hadrat 'Abdullah bin 'Abbas, Hasan Basri, Said bin Jubair, Zarr bin Hubaish, Mujahid, 'ikrimah and others in connection with the commentary of this verse concur that this incident of the first visit of the jinns, which has been mentioned in this verse, had occurred in the valley of Nakhlah. And according to Ibn Ishaq, Abu Nu`aim Isfahaini and Waqidi, this incident occurred during the Holy Prophet's return journey from Ta'if to Makkah. On the way, when he halted at Nakhlah, and was reciting the Qur'an in the 'Isha' or the Fajr or the Tahajjud Prayer, a group of the jinns happened to pass by and stopped to listen to him. In this connection, all the traditions agree that on this occasion the jinns did not appear before the Holy Prophet, nor did he feel their presence, but AIIah informed him afterwards by revelation that they had come and listened to the Qur'anic recitation.
The place where this incident took place was either Az-Zaimah or AsSayl-ul-Kabir, for both these places are situated in the valley of Nakhlah and at both water is available and are green; if the travellers from Ta'if have to halt in this valley, they can halt at either of the places. Please see the map for the location of these places.
phonetic Transliteration
Waith sarafna ilayka nafaran mina aljinni yastamiAAoona alqurana falamma hadaroohu qaloo ansitoo falamma qudiya wallaw ila qawmihim munthireena
English - Sahih International
And [mention, O Muhammad], when We directed to you a few of the jinn, listening to the Qur'an. And when they attended it, they said, "Listen quietly." And when it was concluded, they went back to their people as warners.
Quran Bangla tarjuma
যখন আমি একদল জিনকে আপনার প্রতি আকৃষ্ট করেছিলাম, তারা কোরআন পাঠ শুনছিল,। তারা যখন কোরআন পাঠের জায়গায় উপস্থিত হল, তখন পরস্পর বলল, চুপ থাক। অতঃপর যখন পাঠ সমাপ্ত হল, তখন তারা তাদের সম্প্রদায়ের কাছে সতর্ককারীরূপে ফিরে গেল।
English | Türkçe | Indonesia |
Русский | Français | فارسی |
تفسير | Bengali | Urdu |
Ayats from Quran in Hindi
- (बस) फिर उसके बाद एक साल आएगा जिसमें लोगों के लिए खूब मेंह बरसेगी (और
- (ऐ रसूल) अगर तुम उनसे पूछो कि (भला) किसने सारे आसमान व ज़मीन को पैदा
- फिरऔन ने उन लोगो से जो उसके इर्द गिर्द (बैठे) थे कहा क्या तुम लोग
- फिर जब अज़ीजे मिस्र ने उनका कुर्ता पीछे से फटा हुआ देखा तो (अपनी औरत
- हमने उन पर एक सख्त चिंघाड़ (का अज़ाब) भेज दिया तो वह बाड़े वालो के
- ये लोग सरीही गुमराही में (पड़े) हैं ख़ुदा ने बहुत ही अच्छा कलाम (यावी ये)
- न तो मैं उनसे रोज़ी का तालिब हूँ और न ये चाहता हूँ कि मुझे
- बेशक जो लोग अपने परवरदिगार से बेदेखे भाले डरते हैं उनके लिए मग़फेरत और बड़ा
- और जिस दिन जुल्म करने वाला अपने हाथ (मारे अफ़सोस के) काटने लगेगा और कहेगा
- उस दिन तुम सब के सब (ख़ुदा के सामने) पेश किए जाओगे और तुम्हारी कोई
Quran surahs in Hindi :
Download surah Ahqaf with the voice of the most famous Quran reciters :
surah Ahqaf mp3 : choose the reciter to listen and download the chapter Ahqaf Complete with high quality
Ahmed Al Ajmy
Bandar Balila
Khalid Al Jalil
Saad Al Ghamdi
Saud Al Shuraim
Abdul Basit
Abdul Rashid Sufi
Abdullah Basfar
Abdullah Al Juhani
Fares Abbad
Maher Al Muaiqly
Al Minshawi
Al Hosary
Mishari Al-afasi
Yasser Al Dosari
Please remember us in your sincere prayers