Surah Yusuf Ayat 30 Tafseer in Hindi
﴿۞ وَقَالَ نِسْوَةٌ فِي الْمَدِينَةِ امْرَأَتُ الْعَزِيزِ تُرَاوِدُ فَتَاهَا عَن نَّفْسِهِ ۖ قَدْ شَغَفَهَا حُبًّا ۖ إِنَّا لَنَرَاهَا فِي ضَلَالٍ مُّبِينٍ﴾
[ يوسف: 30]
और शहर (मिस्र) में औरतें चर्चा करने लगी कि अज़ीज़ (मिस्र) की बीबी अपने ग़ुलाम से (नाजायज़) मतलब हासिल करने की आरज़ू मन्द है बेशक गुलाम ने उसे उलफत में लुभाया है हम लोग तो यक़ीनन उसे सरीही ग़लती में मुब्तिला देखते हैं
Surah Yusuf Hindi
Surah Yusuf Verse 30 translate in arabic
وقال نسوة في المدينة امرأة العزيز تراود فتاها عن نفسه قد شغفها حبا إنا لنراها في ضلال مبين
سورة: يوسف - آية: ( 30 ) - جزء: ( 12 ) - صفحة: ( 238 )Surah Yusuf Ayat 30 meaning in Hindi
नगर की स्त्रियाँ कहने लगी, "अज़ीज़ की पत्नी अपने नवयुवक ग़ुलाम पर डोरे डालना चाहती है। वह प्रेम-प्रेरणा से उसके मन में घर कर गया है। हम तो उसे देख रहे हैं कि वह खुली ग़लती में पड़ गई है।"
Quran Urdu translation
اور شہر میں عورتیں گفتگوئیں کرنے لگیں کہ عزیز کی بیوی اپنے غلام کو اپنی طرف مائل کرنا چاہتی ہے۔ اور اس کی محبت اس کے دل میں گھر کرگئی ہے۔ ہم دیکھتی ہیں کہ وہ صریح گمراہی میں ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(12:30) The women of the town began to talk about this matter, saying, "The wife of Al-`Aziz has been soliciting her young slave, for she has passionately fallen in love with him. We think that she is manifestly doing the wrong thing."
And women in the city said, "The wife of al-'Azeez is seeking meaning
phonetic Transliteration
Waqala niswatun fee almadeenati imraatu alAAazeezi turawidu fataha AAan nafsihi qad shaghafaha hubban inna lanaraha fee dalalin mubeenin
English - Sahih International
And women in the city said, "The wife of al-'Azeez is seeking to seduce her slave boy; he has impassioned her with love. Indeed, we see her [to be] in clear error."
Quran Bangla tarjuma
নগরে মহিলারা বলাবলি করতে লাগল যে, আযীযের স্ত্রী স্বীয় গোলামকে কুমতলব চরিতার্থ করার জন্য ফুসলায়। সে তার প্রেমে উম্মত্ত হয়ে গেছে। আমরা তো তাকে প্রকাশ্য ভ্রান্তিতে দেখতে পাচ্ছি।
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Ayats from Quran in Hindi
- और वही तो वह (ख़ुदा) है जिसने पानी (मनी) से आदमी को पैदा किया फिर
- तो ज़ालिमों ने जो बात उनसे कही गई थी उसे बदल कर कुछ और कहना
- ख़ुदा ही रात और दिन को फेर बदल करता रहता है- बेशक इसमें ऑंख वालों
- (ये वह वक्त था) जब तुम लोगों ने मुठभेड़ की तो ख़ुदा ने तुम्हारी ऑखों
- दोनों ने अर्ज़ की ऐ हमारे पालने वाले हम डरते हैं कि कहीं वह हम
- जिसमें नेकों के आमाल दर्ज हैं
- (उसके अलावा) और चीज़े भी पैदा करेगा जिनको तुम नहीं जानते हो और (ख़ुश्क व
- और ख़ुदा उनको पीछे से घेरे हुए है (ये झुठलाने के क़ाबिल नहीं)
- और इसी तरह आदमियों और जानवरों और चारपायों की भी रंगते तरह-तरह की हैं उसके
- और (मुझसे) कहा करता था कि क्या तुम भी क़यामत की तसदीक़ करने वालों में
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