Surah Tawbah Ayat 48 Tafseer in Hindi
﴿لَقَدِ ابْتَغَوُا الْفِتْنَةَ مِن قَبْلُ وَقَلَّبُوا لَكَ الْأُمُورَ حَتَّىٰ جَاءَ الْحَقُّ وَظَهَرَ أَمْرُ اللَّهِ وَهُمْ كَارِهُونَ﴾
[ التوبة: 48]
(ए रसूल) इसमें तो शक़ नहीं कि उन लोगों ने पहले ही फ़साद डालना चाहा था और तुम्हारी बहुत सी बातें उलट पुलट के यहॉ तक कि हक़ आ पहुंचा और ख़ुदा ही का हुक्म ग़ालिब रहा और उनको नागवार ही रहा
Surah At-Tawbah Hindi
Surah Tawbah Verse 48 translate in arabic
لقد ابتغوا الفتنة من قبل وقلبوا لك الأمور حتى جاء الحق وظهر أمر الله وهم كارهون
سورة: التوبة - آية: ( 48 ) - جزء: ( 10 ) - صفحة: ( 195 )Surah Tawbah Ayat 48 meaning in Hindi
उन्होंने तो इससे पहले भी उपद्रव मचाना चाहा था और वे तुम्हारे विरुद्ध घटनाओं और मामलों के उलटने-पलटने में लगे रहे, यहाँ तक कि हक़ आ गया और अल्लाह को आदेश प्रकट होकर रहा, यद्यपि उन्हें अप्रिय ही लगता रहा
Quran Urdu translation
یہ پہلے بھی طالب فساد رہے ہیں اور بہت سی باتوں میں تمہارے لیے الٹ پھیر کرتے رہے ہیں۔ یہاں تک کہ حق آپہنچا اور خدا کا حکم غالب ہوا اور وہ برا مانتے ہی رہ گئے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(9:48) Even before this, these people had striven to stir up mischief and turn by turn they practised all sorts of devices to make you unsuccessful, until the Truth prevailed and Allah's design was fulfilled, though they were averse to it.
They had already desired dissension before and had upset matters for you meaning
phonetic Transliteration
Laqadi ibtaghawoo alfitnata min qablu waqallaboo laka alomoora hatta jaa alhaqqu wathahara amru Allahi wahum karihoona
English - Sahih International
They had already desired dissension before and had upset matters for you until the truth came and the ordinance of Allah appeared, while they were averse.
Quran Bangla tarjuma
তারা পূর্বে থেকেই বিভেদ সৃষ্টির সুযোগ সন্ধানে ছিল এবং আপনার কার্যসমূহ উল্টা-পাল্টা করে দিচ্ছিল। শেষ পর্যন্ত সত্য প্রতিশ্রুতি এসে গেল এবং জয়ী হল আল্লাহর হুকুম, যে অবস্থায় তারা মন্দবোধ করল।
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Ayats from Quran in Hindi
- और हमने अपनी फरमाबरदारी की हालत में दुनिया से उठा ले और फिरऔन की क़ौम
- (ऐ रसूल) जो लोग (दिल से) ख़ुदा और रोज़े आख़िरत पर ईमान रखते हैं वह
- और फिरऔन के लोग मूसा से एक मरतबा कहने लगे कि तुम हम पर जादू
- और बूढ़ी बूढ़ी औरतें जो (बुढ़ापे की वजह से) निकाह की ख्वाहिश नही रखती वह
- ये लोग सरीही गुमराही में (पड़े) हैं ख़ुदा ने बहुत ही अच्छा कलाम (यावी ये)
- ऐ मेरी क़ौम (शाम) की उस मुक़द्दस ज़मीन में जाओ जहॉ ख़ुदा ने तुम्हारी तक़दीर
- और तुमको क्या मालूम की फ़ैसले का दिन क्या है
- बल्कि (असल ये है कि) आख़िरत के बारे में उनके इल्म का ख़ात्मा हो गया
- और जिन लोगों ने (कुफ्फ़ार के ज़ुल्म पर ज़ुल्म सहने के बाद ख़ुदा की खुशी
- और उस अमन वाले शहर (मक्का) की
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