Surah Ghafir Ayat 5 Tafseer in Hindi
﴿كَذَّبَتْ قَبْلَهُمْ قَوْمُ نُوحٍ وَالْأَحْزَابُ مِن بَعْدِهِمْ ۖ وَهَمَّتْ كُلُّ أُمَّةٍ بِرَسُولِهِمْ لِيَأْخُذُوهُ ۖ وَجَادَلُوا بِالْبَاطِلِ لِيُدْحِضُوا بِهِ الْحَقَّ فَأَخَذْتُهُمْ ۖ فَكَيْفَ كَانَ عِقَابِ﴾
[ غافر: 5]
तुम्हें इस धोखे में न डाले (कि उन पर आज़ाब न होगा) इन के पहले नूह की क़ौम ने और उन के बाद और उम्मतों ने (अपने पैग़म्बरों को) झुठलाया और हर उम्मत ने अपने पैग़म्बरों के बारे में यही ठान लिया कि उन्हें गिरफ्तार कर (के क़त्ल कर डालें) और बेहूदा बातों की आड़ पकड़ कर लड़ने लगें - ताकि उसके ज़रिए से हक़ बात को उखाड़ फेंकें तो मैंने, उन्हें गिरफ्तार कर लिया फिर देखा कि उन पर (मेरा अज़ाब कैसा (सख्त हुआ)
Surah Ghafir Hindi
Surah Ghafir Verse 5 translate in arabic
كذبت قبلهم قوم نوح والأحزاب من بعدهم وهمت كل أمة برسولهم ليأخذوه وجادلوا بالباطل ليدحضوا به الحق فأخذتهم فكيف كان عقاب
سورة: غافر - آية: ( 5 ) - جزء: ( 24 ) - صفحة: ( 467 )Surah Ghafir Ayat 5 meaning in Hindi
उनसे पहले नूह की क़ौम ने और उनके पश्चात दूसरों गिरोहों ने भी झुठलाया और हर समुदाय के लोगों ने अपने रसूलों के बारे में इरादा किया कि उन्हें पकड़ लें और वे सत्य का सहारा लेकर झगडे, ताकि उसके द्वारा सत्य को उखाड़ दें। अन्ततः मैंने उन्हें पकड़ लिया। तौ कैसी रही मेरी सज़ा!
Quran Urdu translation
ان سے پہلے نوح کی قوم اور ان کے بعد اور اُمتوں نے بھی (پیغمبروں کی) تکذیب کی۔ اور ہر اُمت نے اپنے پیغمبر کے بارے میں یہی قصد کیا کہ اس کو پکڑ لیں اور بیہودہ (شہبات سے) جھگڑتے رہے کہ اس سے حق کو زائل کردیں تو میں نے ان کو پکڑ لیا (سو دیکھ لو) میرا عذاب کیسا ہوا
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(40:5) Before them the people of Noah also gave the lie (to Messengers), and so did many parties after them. Each nation sallied forth against its Messenger to seize him, and they disputed with false arguments seeking therewith to repudiate the Truth. Then I seized them; and behold, how woeful was My retribution!
The people of Noah denied before them and the [disbelieving] factions after meaning
phonetic Transliteration
Kaththabat qablahum qawmu noohin waalahzabu min baAAdihim wahammat kullu ommatin birasoolihim liyakhuthoohu wajadaloo bialbatili liyudhidoo bihi alhaqqa faakhathtuhum fakayfa kana AAiqabi
English - Sahih International
The people of Noah denied before them and the [disbelieving] factions after them, and every nation intended [a plot] for their messenger to seize him, and they disputed by [using] falsehood to [attempt to] invalidate thereby the truth. So I seized them, and how [terrible] was My penalty.
Quran Bangla tarjuma
তাদের পূর্বে নূহের সম্প্রদায় মিথ্যারোপ করেছিল, আর তাদের পরে অন্য অনেক দল ও প্রত্যেক সম্প্রদায় নিজ নিজ পয়গম্বরকে আক্রমণ করার ইচ্ছা করেছিল এবং তারা মিথ্যা বিতর্কে প্রবৃত্ত হয়েছিল, যেন সত্যধর্মকে ব্যর্থ করে দিতে পারে। অতঃপর আমি তাদেরকে পাকড়াও করলাম। কেমন ছিল আমার শাস্তি।
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