Surah Hajj Ayat 67 Tafseer in Hindi
﴿لِّكُلِّ أُمَّةٍ جَعَلْنَا مَنسَكًا هُمْ نَاسِكُوهُ ۖ فَلَا يُنَازِعُنَّكَ فِي الْأَمْرِ ۚ وَادْعُ إِلَىٰ رَبِّكَ ۖ إِنَّكَ لَعَلَىٰ هُدًى مُّسْتَقِيمٍ﴾
[ الحج: 67]
इसमें शक नहीं कि इन्सान बड़ा ही नाशुक्रा है (ऐ रसूल) हमने हर उम्मत के वास्ते एक तरीक़ा मुक़र्रर कर दिया कि वह इस पर चलते हैं फिर तो उन्हें इस दीन (इस्लाम) में तुम से झगड़ा न करना चाहिए और तुम (लोगों को) अपने परवरदिगार की तरफ बुलाए जाओ
Surah Al-Hajj Hindi37. अर्थात जिस प्रकार प्रत्येक युग में लोगों के लिए धार्मिक नियम निर्धारित किए गए, उसी प्रकार अब क़ुरआन धर्म-विधान तथा जीवन-विधान है। इसलिए अब प्राचीन धर्मो के अनुयायियों को चाहिए कि इसपर ईमान लाएँ, न कि इस विषय में आपसे विवाद करें। और आप निश्चिंत होकर लोगों को इस्लाम की ओर बुलाएँ, क्योंकि आप सत्धर्म पर हैं। और अब आपके बाद सारे पुराने धर्म निरस्त कर दिए गए।
Surah Hajj Verse 67 translate in arabic
لكل أمة جعلنا منسكا هم ناسكوه فلا ينازعنك في الأمر وادع إلى ربك إنك لعلى هدى مستقيم
سورة: الحج - آية: ( 67 ) - جزء: ( 17 ) - صفحة: ( 340 )Surah Hajj Ayat 67 meaning in Hindi
प्रत्येक समुदाय के लिए हमने बन्दगी की एक रीति निर्धारित कर दी है, जिसका पालन उसके लोग करते है। अतः इस मामले में वे तुमसे झगड़ने की राह न पाएँ। तुम तो अपने रब की ओर बुलाए जाओ। निस्संदेह तुम सीधे मार्ग पर हो
Quran Urdu translation
ہم نے ہر ایک اُمت کے لئے ایک شریعت مقرر کردی ہے جس پر وہ چلتے ہیں تو یہ لوگ تم سے اس امر میں جھگڑا نہ کریں اور تم (لوگوں کو) اپنے پروردگار کی طرف بلاتے رہو۔ بےشک تم سیدھے رستے پر ہو
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(22:67) For every community *115 We have prescribed a way of worship, *116 which it follows; therefore, O Muhammad, let them not dispute with you concerning this matter. *117 And invite the people to the Way of your Lord, for you are on the Straight Way. *118
For every religion We have appointed rites which they perform. So, [O meaning
*115) That is, "The Community of every Prophet" .
*116) Here the Arabic word mansak has been used in its most comprehensive sense which also includes "sacrifice" (v. 34). It means service, worship, in short, "the whole way of life". The same theme has been expressed in V: 48: "We prescribed a law and a way of life for each of you".
>*117) That is, "Now you have brought a way of life just as the former Prophets brought "ways of life" for their people. Therefore the people have no right to dispute with you concerning the "Law" you have brought".
*118) This confirms the explanation given in E.N. 117 above.
phonetic Transliteration
Likulli ommatin jaAAalna mansakan hum nasikoohu fala yunaziAAunnaka fee alamri waodAAu ila rabbika innaka laAAala hudan mustaqeemin
English - Sahih International
For every religion We have appointed rites which they perform. So, [O Muhammad], let the disbelievers not contend with you over the matter but invite them to your Lord. Indeed, you are upon straight guidance.
Quran Bangla tarjuma
আমি প্রত্যেক উম্মতের জন্যে এবাদতের একটি নিয়ম-কানুন নির্ধারণ করে দিয়েছি, যা তারা পালন করে। অতএব তারা যেন এ ব্যাপারে আপনার সাথে বিতর্ক না করে। আপনি তাদেরকে পালনকর্তার দিকে আহবান করুন। নিশ্চয় আপনি সরল পথেই আছেন।
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Ayats from Quran in Hindi
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- और वह वही (क़ादिर तवाना है) जिसने आसमान से पानी बरसाया फिर हम ही ने
- तो (ऐ रसूल) इन दलीलों के बाद तुमको (रोज़े) जज़ा के बारे में कौन झुठला
- क्या उन लोगों ने इस पर भी नहीं ग़ौर किया कि वह ख़ुदा जिसने सारे
- और रोते नहीं हो
- हम चँकि सबसे पहले ईमान लाए है इसलिए ये उम्मीद रखते हैं कि हमारा परवरदिगार
- अलिफ़ लाम मीम
- (ऐ रसूल) तुम कह दो कि मै ख़ुद अपना आप तो एख़तियार रखता ही नहीं
- न तो अल्लाह ने किसी को (अपना) बेटा बनाया है और न उसके साथ कोई
- और आसमान की तरफ कि क्या बुलन्द बनाया गया है
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