Surah Inshiqaq Ayat 1 Tafseer in Hindi
﴿إِذَا السَّمَاءُ انشَقَّتْ﴾
[ الانشقاق: 1]
जब आसमान फट जाएगा
Surah Al-Inshiqaq Hindi
Surah Inshiqaq Verse 1 translate in arabic
Surah Inshiqaq Ayat 1 meaning in Hindi
जबकि आकाश फट जाएगा,
Quran Urdu translation
جب آسمان پھٹ جائے گا
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(84:1) When the sky is rent asunder
When the sky has split [open] meaning
Ayats from Quran in Hindi
- और ज़मीन को हमने फैलाया और उस पर बोझल पहाड़ रख दिये और इसमें हर
- और वह क्या बुरा ठिकाना है लोगों एक मसल बयान की जाती है तो उसे
- और रात की जब (चीज़ों को) छुपा ले
- यूसुफ ने कहा अब आज से तुम पर कुछ इल्ज़ाम नहीं ख़ुदा तुम्हारे गुनाह माफ
- जो ख़ुदा के रास्ते से लोगों को रोकते हैं और उसमें कज़ी (टेढ़ा पन) निकालना
- बेशक जिन लोगों ने कुफ़्र इख्तेयार किया ख़ुदा (के अज़ाब) से बचाने में हरगिज़ न
- (या नहीं) और हमने इस कुरान को यूँ ही वाजेए व रौशन निशानियाँ (बनाकर) नाज़िल
- (ऐ रसूल) तुम बिलाशक यक़ीनी पैग़म्बरों में से हो
- (वह अलग) और जब हम इन्सान पर एहसान करते हैं तो (हमारी तरफ से) मुँह
- कि तमाम बड़े बड़े जादूगरों का जमा करके अपके पास दरबार में हाज़िर करें
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