Surah Al Imran Ayat 113 Tafseer in Hindi
﴿۞ لَيْسُوا سَوَاءً ۗ مِّنْ أَهْلِ الْكِتَابِ أُمَّةٌ قَائِمَةٌ يَتْلُونَ آيَاتِ اللَّهِ آنَاءَ اللَّيْلِ وَهُمْ يَسْجُدُونَ﴾
[ آل عمران: 113]
और ये लोग भी सबके सब यकसॉ नहीं हैं (बल्कि) अहले किताब से कुछ लोग तो ऐसे हैं कि (ख़ुदा के दीन पर) इस तरह साबित क़दम हैं कि रातों को ख़ुदा की आयतें पढ़ा करते हैं और वह बराबर सजदे किया करते हैं
Surah Al Imran Hindi61. अर्थात जो नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) पर ईमान लाए। जैसे अब्दुल्लाह बिन सलाम (रज़ियल्लाहु अन्हु) आदि।
Surah Al Imran Verse 113 translate in arabic
ليسوا سواء من أهل الكتاب أمة قائمة يتلون آيات الله آناء الليل وهم يسجدون
سورة: آل عمران - آية: ( 113 ) - جزء: ( 4 ) - صفحة: ( 64 )Surah Al Imran Ayat 113 meaning in Hindi
ये सब एक जैसे नहीं है। किताबवालों में से कुछ ऐसे लोग भी है जो सीधे मार्ग पर है और रात की घड़ियों में अल्लाह की आयतें पढ़ते है और वे सजदा करते रहनेवाले है
Quran Urdu translation
یہ بھی سب ایک جیسے نہیں ہیں ان اہلِ کتاب میں کچھ لوگ (حکمِ خدا پر) قائم بھی ہیں جو رات کے وقت خدا کی آیتیں پڑھتے اور (اس کے آگے) سجدہ کرتے ہیں
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(3:113) Yet all are not alike: among the People of the Book there are upright people who recite the messages of Allah in the watches of the night and prostrate themselves in worship.
They are not [all] the same; among the People of the Scripture meaning
phonetic Transliteration
Laysoo sawaan min ahli alkitabi ommatun qaimatun yatloona ayati Allahi anaa allayli wahum yasjudoona
English - Sahih International
They are not [all] the same; among the People of the Scripture is a community standing [in obedience], reciting the verses of Allah during periods of the night and prostrating [in prayer].
Quran Bangla tarjuma
তারা সবাই সমান নয়। আহলে কিতাবদের মধ্যে কিছু লোক এমনও আছে যারা অবিচলভাবে আল্লাহর আয়াতসমূহ পাঠ করে এবং রাতের গভীরে তারা সেজদা করে।
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