Surah Araf Ayat 123 Tafseer in Hindi
﴿قَالَ فِرْعَوْنُ آمَنتُم بِهِ قَبْلَ أَنْ آذَنَ لَكُمْ ۖ إِنَّ هَٰذَا لَمَكْرٌ مَّكَرْتُمُوهُ فِي الْمَدِينَةِ لِتُخْرِجُوا مِنْهَا أَهْلَهَا ۖ فَسَوْفَ تَعْلَمُونَ﴾
[ الأعراف: 123]
फिरऔन ने कहा (हाए) तुम लोग मेरी इजाज़त के क़ब्ल (पहले) उस पर ईमान ले आए ये ज़रूर तुम लोगों की मक्कारी है जो तुम लोगों ने उस शहर में फैला रखी है ताकि उसके बाशिन्दों को यहाँ से निकाल कर बाहर करो पस तुम्हें अन क़रीब ही उस शरारत का मज़ा मालूम हो जाएगा
Surah Al-Araf Hindi
Surah Araf Verse 123 translate in arabic
قال فرعون آمنتم به قبل أن آذن لكم إن هذا لمكر مكرتموه في المدينة لتخرجوا منها أهلها فسوف تعلمون
سورة: الأعراف - آية: ( 123 ) - جزء: ( 9 ) - صفحة: ( 165 )Surah Araf Ayat 123 meaning in Hindi
फ़िरऔन बोला, "इससे पहले कि मैं तुम्हें अनुमति दूँ, तं उसपर ईमान ले आए! यह तो एक चाल है, जो तुम लोग नगर में चले हो, ताकि उसके निवासियों को उससे निकाल दो। अच्छा, तो अब तुम्हें जल्द की मालूम हुआ जाता है!
Quran Urdu translation
فرعون نے کہا کہ پیشتر اس کے کہ میں تمہیں اجازت دوں تم اس پر ایمان لے آئے؟ بےشک یہ فریب ہے جو تم نے مل کر شہر میں کیا ہے تاکہ اہلِ شہر کو یہاں سے نکال دو۔ سو عنقریب (اس کا نتیجہ) معلوم کرلو گے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(7:123) Pharaoh said: 'What! Do you believe before you have my permission? Surely this is a plot you have contrived to drive out the rulers from the capital. So you shall see,
Said Pharaoh, "You believed in him before I gave you permission. Indeed, meaning
phonetic Transliteration
Qala firAAawnu amantum bihi qabla an athana lakum inna hatha lamakrun makartumoohu fee almadeenati litukhrijoo minha ahlaha fasawfa taAAlamoona
English - Sahih International
Said Pharaoh, "You believed in him before I gave you permission. Indeed, this is a conspiracy which you conspired in the city to expel therefrom its people. But you are going to know.
Quran Bangla tarjuma
ফেরাউন বলল, তোমরা কি (তাহলে) আমার অনুমতি দেয়ার আগেই ঈমান আনলে! এটা প্রতারণা, যা তোমরা এ নগরীতে প্রদর্শন করলে। যাতে করে এ শহরের অধিবাসীদিগকে শহর থেকে বের করে দিতে পার। সুতরাং তোমরা শীঘ্রই বুঝতে পারবে।
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Ayats from Quran in Hindi
- (ऐ रसूल) तुम कह दो कि मैं सुबह के मालिक की
- ये इसलिए कि ख़ुदा ने जो चीज़ नाज़िल फ़रमायी उसे उन्होने (नापसन्द किया) तो ख़ुदा
- कुछ शक़ नहीं कि इसमें भी इबरत व नसीहत हासिल करने वालों के वास्ते (कुदरते
- ग़रज़ तुम उनकी बातों का ख्याल छोड़ दो और तुम मुन्तज़िर रहो (आख़िर) वह लोग
- तख्ते पर एक दूसरे के सामने तकिए लगाए (बैठे) होंगे
- (ऐ रसूल) तुम काफिरों से कह दो कि अगर वह लोग (अब भी अपनी शरारत
- (ऐ रसूल) हमने तुमपर बरहक़ किताब इसलिए नाज़िल की है कि ख़ुदा ने तुम्हारी हिदायत
- और अगर ख़ुदा उनमें नेकी (की बू भी) देखता तो ज़रूर उनमें सुनने की क़ाबलियत
- तू क्या इनमें से किसी को भी बचा खुचा देखता है
- जिस (ख़ुदा) के कब्ज़े में (सारे जहाँन की) बादशाहत है वह बड़ी बरकत वाला है
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