Surah Al Imran Ayat 128 Tafseer in Hindi
﴿لَيْسَ لَكَ مِنَ الْأَمْرِ شَيْءٌ أَوْ يَتُوبَ عَلَيْهِمْ أَوْ يُعَذِّبَهُمْ فَإِنَّهُمْ ظَالِمُونَ﴾
[ آل عمران: 128]
(ऐ रसूल) तुम्हारा तो इसमें कुछ बस नहीं चाहे ख़ुदा उनकी तौबा कुबूल करे या उनको सज़ा दे क्योंकि वह ज़ालिम तो ज़रूर हैं
Surah Al Imran Hindi70. नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम फ़ज्र की नमाज़ में रुकूअ के पश्चात यह प्रार्थना करते थे कि हे अल्लाह! अमुक को अपनी दया से दूर कर दे। इसी पर यह आयत उतरी। (सह़ीह़ बुखारी : 4559) 71. अर्थात उन्हें मार्गदर्शन दे। 72. यदि वे काफ़िर ही रह जाएँ।
Surah Al Imran Verse 128 translate in arabic
ليس لك من الأمر شيء أو يتوب عليهم أو يعذبهم فإنهم ظالمون
سورة: آل عمران - آية: ( 128 ) - جزء: ( 4 ) - صفحة: ( 66 )Surah Al Imran Ayat 128 meaning in Hindi
तुम्हें इस मामले में कोई अधिकार नहीं - चाहे वह उसकी तौबा क़बूल करे या उन्हें यातना दे, क्योंकि वे अत्याचारी है
Quran Urdu translation
(اے پیغمبر) اس کام میں تمہارا کچھ اختیار نہیں (اب دو صورتیں ہیں) یا خدا انکے حال پر مہربانی کرے یا انہیں عذاب دے کہ یہ ظالم لوگ ہیں
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(3:128) (O Messenger!) It is not for you to decide whether He will accept their repentance or chastise them, for they surely are wrongdoers.
Not for you, [O Muhammad, but for Allah], is the decision whether meaning
phonetic Transliteration
Laysa laka mina alamri shayon aw yatooba AAalayhim aw yuAAaththibahum fainnahum thalimoona
English - Sahih International
Not for you, [O Muhammad, but for Allah], is the decision whether He should [cut them down] or forgive them or punish them, for indeed, they are wrongdoers.
Quran Bangla tarjuma
হয় আল্লাহ তাদের ক্ষমা করবেন কিংবা তাদেরকে আযাব দেবেন। এ ব্যাপারে আপনার কোন করণীয় নাই। কারণ তারা রয়েছে অন্যায়ের উপর।
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