Surah TaHa Ayat 129 Tafseer in Hindi
﴿وَلَوْلَا كَلِمَةٌ سَبَقَتْ مِن رَّبِّكَ لَكَانَ لِزَامًا وَأَجَلٌ مُّسَمًّى﴾
[ طه: 129]
और (ऐ रसूल) अगर तुम्हारे परवरदिगार की तरफ से पहले ही एक वायदा और अज़ाब का) एक वक्त मुअय्युन न होता तो (उनकी हरकतों से) फ़ौरन अज़ाब का आना लाज़मी बात थी
Surah Ta-Ha Hindi41. आयत का भावार्थ यह है कि अल्लाह का यह निर्णय है कि वह किसी जाति का उसके विरुद्ध तर्क तथा उसकी निश्चित अवधि पूरी होने पर ही विनाश करता है, यदि यह बात न होती तो इन मक्का के मिश्रणवादियों पर यातना आ चुकी होती।
Surah TaHa Verse 129 translate in arabic
Surah TaHa Ayat 129 meaning in Hindi
यदि तेरे रब की ओर से पहले ही एक बात निश्चित न हो गई होती और एक अवधि नियत न की जा चुकी होती, तो अवश्य ही उन्हें यातना आ पकड़ती
Quran Urdu translation
اور اگر ایک بات تمہارے پروردگار کی طرف سے پہلے صادر اور (جزائے اعمال کے لئے) ایک میعاد مقرر نہ ہوچکی ہوتی تو (نزول) عذاب لازم ہوجاتا
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(20:129) Had not a decree been fore-ordained by your Lord and a term for respite been appointed, judgement on them would have been passed now immediately.
And if not for a word that preceded from your Lord, punishment meaning
phonetic Transliteration
Walawla kalimatun sabaqat min rabbika lakana lizaman waajalun musamman
English - Sahih International
And if not for a word that preceded from your Lord, punishment would have been an obligation [due immediately], and [if not for] a specified term [decreed].
Quran Bangla tarjuma
আপনার পালনকর্তার পক্ষ থেকে পূর্ব সিদ্ধান্ত এবং একটি কাল নির্দিষ্ট না থাকলে শাস্তি অবশ্যম্ভাবী হয়ে যেত।
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Ayats from Quran in Hindi
- और उन लोगों के ऐसे न हो जाओं जो (मुँह से तो) कहते थे कि
- पस तुम ख़ुदा से डरते रहो ताकि (उनके) शुक्रगुज़ार बनो (ऐ रसूल) उस वक्त तुम
- और सुलेमान के सामने उनके लशकर जिन्नात और आदमी और परिन्दे सब जमा किए जाते
- (ये अगले पैग़म्बर) वह लोग थे जिनकी ख़ुदा ने हिदायत की पस तुम भी उनकी
- तो उस दिन ख़ुदा ऐसा अज़ाब करेगा कि किसी ने वैसा अज़ाब न किया होगा
- और मै तो तुमसे इस (तबलीगे रिसालत) पर कुछ मज़दूरी भी नहीं माँगता- मेरी मज़दूरी
- जो लोग तुम्हारी हँसी उड़ाते है
- (क्योंकि) क़यामत ज़रूर आने वाली है और मैं उसे लामहौला छिपाए रखूँगा ताकि हर शख्स
- तो क्या तुम इतना भी नहीं समझते? (ऐ लो अरे) तुम वही एहमक़ लोग हो
- तब फ़रिश्तों ने (आजिज़ी से) अर्ज़ की तू (हर ऐब से) पाक व पाकीज़ा है
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