Surah Al Imran Ayat 171 Tafseer in Hindi
﴿۞ يَسْتَبْشِرُونَ بِنِعْمَةٍ مِّنَ اللَّهِ وَفَضْلٍ وَأَنَّ اللَّهَ لَا يُضِيعُ أَجْرَ الْمُؤْمِنِينَ﴾
[ آل عمران: 171]
ख़ुदा नेअमत और उसके फ़ज़ल (व करम) और इस बात की ख़ुशख़बरी पाकर कि ख़ुदा मोमिनीन के सवाब को बरबाद नहीं करता
Surah Al Imran Hindi
Surah Al Imran Verse 171 translate in arabic
يستبشرون بنعمة من الله وفضل وأن الله لا يضيع أجر المؤمنين
سورة: آل عمران - آية: ( 171 ) - جزء: ( 4 ) - صفحة: ( 72 )Surah Al Imran Ayat 171 meaning in Hindi
वे अल्लाह के अनुग्रह और उसकी उदार कृपा से प्रसन्न हो रहे है और इससे कि अल्लाह ईमानवालों का बदला नष्ट नहीं करता
Quran Urdu translation
اور خدا کے انعامات اور فضل سے خوش ہورہے ہیں۔ اور اس سے کہ خدا مومنوں کا اجر ضائع نہیں کرتا
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(3:171) They rejoice at the favours and bounties of Allah, and at the awareness that Allah will not cause the reward of the believers to be lost.
They receive good tidings of favor from Allah and bounty and [of meaning
phonetic Transliteration
Yastabshiroona biniAAmatin mina Allahi wafadlin waanna Allaha la yudeeAAu ajra almumineena
English - Sahih International
They receive good tidings of favor from Allah and bounty and [of the fact] that Allah does not allow the reward of believers to be lost -
Quran Bangla tarjuma
আল্লাহর নেয়ামত ও অনুগ্রহের জন্যে তারা আনন্দ প্রকাশ করে এবং তা এভাবে যে, আল্লাহ, ঈমানদারদের শ্রমফল বিনষ্ট করেন না।
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Ayats from Quran in Hindi
- (ऐ रसूल) तुम कह दो कि फिल हक़ीक़त घाटे में वही लोग हैं जिन्होंने अपना
- और उनको मोमिनीन की यही बात बुरी मालूम हुई कि वह लोग ख़ुदा पर ईमान
- और फिरऔन के साथ (क्या किया) जो (सज़ा के लिए) मेख़े रखता था
- बेशक जो लोग तुमसे बैयत करते हैं वह ख़ुदा ही से बैयत करते हैं ख़ुदा
- और वह हर तरह की पैदाइश से वाक़िफ है जिसने तुम्हारे वास्ते (मिर्ख़ और अफ़ार
- और ख़ुदा का हुक्म मानों और रसूल का हुक्म मानों और (नाफ़रमानी) से बचे रहो
- और इसमें से जिस पर अपनी (चिकनी चुपड़ी) बात से क़ाबू पा सके वहॉ और
- (ऐ रसूल) तुम कह दो कि तुम लोग ख्वाह ख़ुशी से खर्च करो या मजबूरी
- जो ख़ुदा के रास्ते से लोगों को रोकते हैं और उसमें कज़ी (टेढ़ा पन) निकालना
- और काफिर लोग मोमिनों के बारे में कहते हैं कि अगर ये (दीन) बेहतर होता
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