Surah Shuara Ayat 209 Tafseer in Hindi
﴿ذِكْرَىٰ وَمَا كُنَّا ظَالِمِينَ﴾
[ الشعراء: 209]
और हम ज़ालिम नहीं है
Surah Ash-Shuara Hindi
Surah Shuara Verse 209 translate in arabic
Surah Shuara Ayat 209 meaning in Hindi
हम कोई ज़ालिम नहीं है
Quran Urdu translation
نصیحت کردیں اور ہم ظالم نہیں ہیں
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(26:209) to administer admonition; and We have never been unjust. *129
As a reminder; and never have We been unjust. meaning
*129) That is, "We could not be blamed for any injustice when they did not heed the warning and admonition of the warners and were destroyed. It would have been injustice if no effort had been made to admonish them and guide them aright prior to their destruction."
Ayats from Quran in Hindi
- और (मुसलमानों) तुम तमाम नमाज़ों की और ख़ुसूसन बीच वाली नमाज़ सुबह या ज़ोहर या
- ऐ रसूल क्या तुमने नहीं देखा कि तुम्हारे परवरदिगार ने हाथी वालों के साथ क्या
- यहाँ तक कि जब ये लोग उन चीज़ों को देख लेंगे जिनका उनसे वायदा किया
- उस दिन दिलों को धड़कन होगी
- (ऐ रसूल उनसे) तुम कह दो कि अगर ख़ुदा के साथ जैसा ये लोग कहते
- तो क्या जो लोग बड़ी बड़ी मक्कारियाँ (शिर्क वग़ैरह) करते थे (उनको इस बात का
- (तब ख़ुदा उनसे) फरमाएगा कि जो लोग जिन व इन्स के तुम से पहले बसे
- पस तुम उनसे दरगुज़र करो और उनको नसीहत करो और उनसे उनके दिल में असर
- (ऐ रसूल) सूरज के ढलने से रात के अंधेरे तक नमाज़े ज़ोहर, अस्र, मग़रिब, इशा
- और (उस वक्त क़ो याद करो) जब हमने फ़रिश्तों से कहा कि आदम को सजदा
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