Surah An Naba Ayat 5 Tafseer in Hindi
﴿ثُمَّ كَلَّا سَيَعْلَمُونَ﴾
[ النبأ: 5]
फिर इन्हें अनक़रीब ही ज़रूर मालूम हो जाएगा
Surah An-Naba Hindi1. (1-5) इन आयतों में उनको धिक्कारा गया है, जो प्रलय की हँसी उड़ाते हैं। जैसे उनके लिए प्रलय की सूचना किसी गंभीर चिंता के योग्य नहीं। परंतु वह दिन दूर नहीं जब प्रलय उनके आगे आ जाएगी और वे विश्व विधाता के सामने उत्तरदायित्व के लिए उपस्थित होंगे।
Surah An Naba Verse 5 translate in arabic
Surah An Naba Ayat 5 meaning in Hindi
फिर कदापि नहीं, शीघ्र ही वे जान लेंगे।
Quran Urdu translation
پھر دیکھو یہ عنقریب جان لیں گے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(78:5) again, no indeed; soon will they come to know.
Then, no! They are going to know. meaning
*3) That is, the time is not far off when the same thing about which they are expressing all sorts of meaningless doubts and misgivings, will appear before them as a reality. Then they will realize that what the Messenger had foretold was absolutely true and what they were saying on the basis of conjecture and speculation had no truth in it.
Ayats from Quran in Hindi
- वही वह (ख़ुदाए क़ादिर) है जिसने आफ़ताब को चमकदार और महताब को रौशन बनाया और
- और (उनकी भी यही हालत थी कि) उनके पास कोई रसूल न आया मगर उन
- और अगर कहीं तुम लोगों ने अपने ही से आदमी की इताअत कर ली तो
- हम तो (कहते हैं कि) वही ख़ुदा मेरा परवरदिगार है और मै तो अपने परवरदिगार
- तो बड़े लोग कहेंगें (अब तो) हम (तुम) सबके सब आग में पड़े हैं ख़ुदा
- बेशक जो लोग ख़ुदा की और उसके रसूल की मुख़ालेफ़त करते हैं वह (उसी तरह)
- और तुम पहाड़ों को देखकर उन्हें मज़बूर जमे हुए समझतें हो हालाकि ये (क़यामत के
- और (ऐ रसूल) अगर मुशरिकीन में से कोई तुमसे पनाह मागें तो उसको पनाह दो
- हमने तुम पर कुरान इसलिए नाज़िल नहीं किया कि तुम (इस क़दर) मशक्क़त उठाओ
- तो ख़ुदा के रसूल (सालेह) ने उनसे कहा कि ख़ुदा की ऊँटनी और उसके पानी
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