Surah Muminun Ayat 59 Tafseer in Hindi
﴿وَالَّذِينَ هُم بِرَبِّهِمْ لَا يُشْرِكُونَ﴾
[ المؤمنون: 59]
और अपने परवरदिगार का किसी को शरीक नही बनाते
Surah Al-Muminun Hindi
Surah Muminun Verse 59 translate in arabic
Surah Muminun Ayat 59 meaning in Hindi
और जो लोग अपने रब के साथ किसी को साझी नहीं ठहराते;
Quran Urdu translation
اور جو اپنے پروردگار کے ساتھ شریک نہیں کرتے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(23:59) who do not associate anyone with their Lord; *53
And they who do not associate anything with their Lord meaning
*53) Though belief in the Revelations itself engrains the doctrine of Tauhid in the hearts, yet the believers have been warned to guard against shirk. This is because, in spite of believing in the Revelations, man is inclined to commit shirk in one form or the other, for instance, in exaggerating the teachings of the Prophets and righteous people, supplicating and serving others than Allah, etc.
Ayats from Quran in Hindi
- (जब लोगों ने न माना तो) अर्ज़ की परवरदिगार मैं अपनी क़ौम को (ईमान की
- इन दोनों को हमने बस ठीक (मसलहत से) पैदा किया मगर उनमें के बहुतेरे लोग
- और ये लोग (ख़ुदा की राह में) थोड़ा या बहुत माल नहीं खर्च करते और
- मगर जिस पैग़म्बर को पसन्द फरमाए तो उसके आगे और पीछे निगेहबान फरिश्ते मुक़र्रर कर
- और ज़कात दिया करो और जो लोग (हमारे सामने) इबादत के लिए झुकते हैं उनके
- मै तो तुमसे इस (तबलीग़े रिसालत) पर कुछ मज़दूरी भी नहीं माँगता मेरी मज़दूरी तो
- और अनाज जिसके साथ भुस होता है और ख़ुशबूदार फूल
- और परिन्दे भी (यादे खुदा के वक्त सिमट) आते और उनके फरमाबरदार थे
- ग़रज़ तुम दोनों उसके पास जाओ और कहो कि हम आप के परवरदिगार के रसूल
- ऐ ईमानदारों शराब, जुआ और बुत और पाँसे तो बस नापाक (बुरे) शैतानी काम हैं
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