Surah Al Imran Ayat 9 Tafseer in Hindi
﴿رَبَّنَا إِنَّكَ جَامِعُ النَّاسِ لِيَوْمٍ لَّا رَيْبَ فِيهِ ۚ إِنَّ اللَّهَ لَا يُخْلِفُ الْمِيعَادَ﴾
[ آل عمران: 9]
ऐ हमारे परवरदिगार बेशक तू एक न एक दिन जिसके आने में शुबह नहीं लोगों को इक्ट्ठा करेगा (तो हम पर नज़रे इनायत रहे) बेशक ख़ुदा अपने वायदे के ख़िलाफ़ नहीं करता
Surah Al Imran Hindi
Surah Al Imran Verse 9 translate in arabic
ربنا إنك جامع الناس ليوم لا ريب فيه إن الله لا يخلف الميعاد
سورة: آل عمران - آية: ( 9 ) - جزء: ( 3 ) - صفحة: ( 50 )Surah Al Imran Ayat 9 meaning in Hindi
हमारे रब! तू लोगों को एक दिन इकट्ठा करने वाला है, जिसमें कोई संदेह नही। निस्सन्देह अल्लाह अपने वचन के विरुद्ध जाने वाला नही है
Quran Urdu translation
اے پروردگار! تو اس روز جس (کے آنے) میں کچھ بھی شک نہیں سب لوگوں کو (اپنے حضور میں) جمع کرلے گا بے شک خدا خلاف وعدہ نہیں کرتا
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(3:9) Our Lord! You surely will gather mankind together one Day, a Day about (the coming of which) there is no doubt. Surely Allah never goes against His promise.'
Our Lord, surely You will gather the people for a Day about meaning
phonetic Transliteration
Rabbana innaka jamiAAu alnnasi liyawmin la rayba feehi inna Allaha la yukhlifu almeeAAada
English - Sahih International
Our Lord, surely You will gather the people for a Day about which there is no doubt. Indeed, Allah does not fail in His promise."
Quran Bangla tarjuma
হে আমাদের পালনকর্তা! তুমি মানুষকে একদিন অবশ্যই একত্রিত করবেঃ এতে কোনই সন্দেহ নেই। নিশ্চয় আল্লাহ তাঁর ওয়াদার অন্যথা করেন না।
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Ayats from Quran in Hindi
- और इस क़ुरान के ज़रिए से तुम उन लोगों को डराओ जो इस बात का
- और (बावजूद इसके) उसने तुममें से बहुतेरों को गुमराह कर छोड़ा तो क्या तुम (इतना
- और कहते हैं कि (भला) अगर तुम लोग (अपने दावे में सच्चे हो) तो आख़िर
- जो लोग (यहूद) ये कहते हैं कि ख़ुदा तो कंगाल है और हम बड़े मालदार
- (लौहे महफूज़ के) बहुत मोअज़ज़िज औराक़ में (लिखा हुआ) है
- अगर तुम उस रसूल की मदद न करोगे तो (कुछ परवाह् नहीं ख़ुदा मददगार है)
- हाँ तुम औरतों को छोड़कर शहवत परस्ती के वास्ते मर्दों की तरफ माएल होते हो
- उन लोगों ने झुठलाया ज़रुर तो अनक़रीब ही (उन्हें) इस (अज़ाब) की हक़ीकत मालूम हो
- जिसपर ख़ुदा ने लानत की है और जिसने (इब्तिदा ही में) कहा था कि (ख़ुदावन्दा)
- तूने मुझे जो कुछ हुक्म दिया उसके सिवा तो मैने उनसे कुछ भी नहीं कहा
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