Surah Infitar Ayat 11 Tafseer in Hindi
﴿كِرَامًا كَاتِبِينَ﴾
[ الانفطار: 11]
बुर्ज़ुग लोग (फरिश्ते सब बातों को) लिखने वाले (केरामन क़ातेबीन)
Surah Al-Infitar Hindi
Surah Infitar Verse 11 translate in arabic
Ayats from Quran in Hindi
- (ऐ रसूल) तुम कह दो कि ऐ मेरी क़ौम तुम अपनी जगह (जो चाहो) अमल
- तुम जिन चीज़ों को पूजते हो, मैं उनको नहीं पूजता
- इससे मेरा परवरदिगार ख़ूब वाक़िफ है और तुमको तो ये उम्मीद न थी कि तुम्हारे
- और नफीस मकानात और आराम की चीज़ें
- और उनके पास तो वह हालात पहुँच चुके हैं जिनमें काफी तम्बीह थीं
- क्या उन लोगों ने कोई बात ठान ली है हमने भी (कुछ ठान लिया है)
- और दोज़ख़ गुमराहों के सामने ज़ाहिर कर दी जाएगी
- (तो बोले अच्छा) इन घोड़ों को मेरे पास वापस लाओ (जब आए) तो (देर के
- (और हुक्म के पाबन्द हैं) फिर उसने दोनों में उस (धुएँ) के सात आसमान बनाए
- और (ऐ रसूल) इसी तरह हमने तुमसे पहले किसी बस्ती में कोई डराने वाला (पैग़म्बर)
Quran surahs in Hindi :
Download surah Infitar with the voice of the most famous Quran reciters :
surah Infitar mp3 : choose the reciter to listen and download the chapter Infitar Complete with high quality
Ahmed Al Ajmy
Bandar Balila
Khalid Al Jalil
Saad Al Ghamdi
Saud Al Shuraim
Abdul Basit
Abdul Rashid Sufi
Abdullah Basfar
Abdullah Al Juhani
Fares Abbad
Maher Al Muaiqly
Al Minshawi
Al Hosary
Mishari Al-afasi
Yasser Al Dosari
Please remember us in your sincere prayers