Surah Infitar Ayat 11 Tafseer in Hindi
﴿كِرَامًا كَاتِبِينَ﴾
[ الانفطار: 11]
बुर्ज़ुग लोग (फरिश्ते सब बातों को) लिखने वाले (केरामन क़ातेबीन)
Surah Al-Infitar Hindi
Surah Infitar Verse 11 translate in arabic
Ayats from Quran in Hindi
- ऐ ता हा (रसूलअल्लाह)
- और हमें (आख़िर) क्या है कि हम उस पर भरोसा न करें हालॉकि हमे (निजात
- क्या ये लोग कहते हैं कि इसने क़ुरान ख़ुद गढ़ लिया है बात ये है
- और अगर यह लोग तौरैत और इन्जील और (सहीफ़े) उनके पास उनके परवरदिगार की तरफ़
- वही सबसे पहले और सबसे आख़िर है और (अपनी क़ूवतों से) सब पर ज़ाहिर और
- (लोगों) मोहम्मद तुम्हारे मर्दों में से (हक़ीक़तन) किसी के बाप नहीं हैं (फिर जैद की
- जिस दिन पिंडली खोल दी जाए और (काफ़िर) लोग सजदे के लिए बुलाए जाएँगे तो
- और सुलेमान ने परिन्दों (के लश्कर) की हाज़िरी ली तो कहने लगे कि क्या बात
- और उसको उनके बदले का कोई ख़ौफ तो है नहीं
- और लोगों को उनकी चीज़े (जो ख़रीदें) कम न ज्यादा करो और ज़मीन से फसाद
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