Surah An Nur Ayat 14 Tafseer in Hindi
﴿وَلَوْلَا فَضْلُ اللَّهِ عَلَيْكُمْ وَرَحْمَتُهُ فِي الدُّنْيَا وَالْآخِرَةِ لَمَسَّكُمْ فِي مَا أَفَضْتُمْ فِيهِ عَذَابٌ عَظِيمٌ﴾
[ النور: 14]
और अगर तुम लोगों पर दुनिया और आख़िरत में ख़ुदा का फज़ल (व करम) और उसकी रहमत न होती तो जिस बात का तुम लोगों ने चर्चा किया था उस की वजह से तुम पर कोई बड़ा (सख्त) अज़ाब आ पहुँचता
Surah An-Nur Hindi
Surah An Nur Verse 14 translate in arabic
ولولا فضل الله عليكم ورحمته في الدنيا والآخرة لمسكم في ما أفضتم فيه عذاب عظيم
سورة: النور - آية: ( 14 ) - جزء: ( 18 ) - صفحة: ( 351 )Surah An Nur Ayat 14 meaning in Hindi
यदि तुमपर दुनिया और आख़िरत में अल्लाह की उदार कृपा और उसकी दयालुता न होती तो जिस बात में तुम पड़ गए उसके कारण तुम्हें एक बड़ी यातना आ लेती
Quran Urdu translation
اور اگر دنیا اور آخرت میں تم پر خدا کا فضل اور اس کی رحمت نہ ہوتی تو جس بات کا تم چرچا کرتے تھے اس کی وجہ سے تم پر بڑا (سخت) عذاب نازل ہوتا
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(24:14) Were it not for Allah's grace and mercy towards you in this world and in the Hereafter, a painful scourge would have visited you because of the things in which you were involved.
And if it had not been for the favor of Allah upon meaning
phonetic Transliteration
Walawla fadlu Allahi AAalaykum warahmatuhu fee alddunya waalakhirati lamassakum fee ma afadtum feehi AAathabun AAatheemun
English - Sahih International
And if it had not been for the favor of Allah upon you and His mercy in this world and the Hereafter, you would have been touched for that [lie] in which you were involved by a great punishment
Quran Bangla tarjuma
যদি ইহকালে ও পরকালে তোমাদের প্রতি আল্লাহর অনুগ্রহ ও দয়া না থাকত, তবে তোমরা যা চর্চা করছিলে, তজ্জন্যে তোমাদেরকে গুরুতর আযাব স্পর্শ করত।
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