Surah Al Imran Ayat 188 Tafseer in Hindi
﴿لَا تَحْسَبَنَّ الَّذِينَ يَفْرَحُونَ بِمَا أَتَوا وَّيُحِبُّونَ أَن يُحْمَدُوا بِمَا لَمْ يَفْعَلُوا فَلَا تَحْسَبَنَّهُم بِمَفَازَةٍ مِّنَ الْعَذَابِ ۖ وَلَهُمْ عَذَابٌ أَلِيمٌ﴾
[ آل عمران: 188]
(ऐ रसूल) तुम उन्हें ख्याल में भी न लाना जो अपनी कारस्तानी पर इतराए जाते हैं और किया कराया ख़ाक नहीं (मगर) तारीफ़ के ख़ास्तगार (चाहते) हैं पस तुम हरगिज़ ये ख्याल न करना कि इनको अज़ाब से छुटकारा है बल्कि उनके लिए दर्दनाक अज़ाब है
Surah Al Imran Hindi113. अबू सईद रज़ियल्लाहु अन्हु कहते हैं कि कुछ मुनाफ़िक़ रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के युग में, आप युद्ध के लिए निकलते तो आपका साथ नहीं देते थे। और इसपर प्रसन्न होते थे और जब आप वापस होते, तो बहाने बनाते और शपथ लेते थे। और जो नहीं किया है, उसकी सराहना चाहते थे। इसी पर यह आयत उतरी। (सह़ीह़ बुख़ारी : 4567)
Surah Al Imran Verse 188 translate in arabic
لا تحسبن الذين يفرحون بما أتوا ويحبون أن يحمدوا بما لم يفعلوا فلا تحسبنهم بمفازة من العذاب ولهم عذاب أليم
سورة: آل عمران - آية: ( 188 ) - جزء: ( 4 ) - صفحة: ( 75 )Surah Al Imran Ayat 188 meaning in Hindi
तुम उन्हें कदापि यह न समझना, जो अपने किए पर ख़ुश हो रहे है और जो काम उन्होंने नहीं किए, चाहते है कि उनपर भी उनकी प्रशंसा की जाए - तो तुम उन्हें यह न समझाना कि वे यातना से बच जाएँगे, उनके लिए तो दुखद यातना है
Quran Urdu translation
جو لوگ اپنے (ناپسند) کاموں سے خوش ہوتے ہیں اور پسندیدہ کام) جو کرتے نہیں ان کے لئے چاہتے ہیں کہ ان ک تعریف کی جائے ان کی نسبت خیال نہ کرنا کہ وہ عذاب سے رستگار ہوجائیں گے۔ اور انہیں درد دینے والا عذاب ہوگا
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(3:188) Do not think that those who exult in their misdeeds and love to be praised for what indeed they have not done, *133 do not think that they are secure from chastisement. A painful chastisement awaits them.
And never think that those who rejoice in what they have perpetrated meaning
*133). Such people expected praises to be lavished upon them for being God-fearing, devout and pious, for being sincere servants of the true faith, for being defenders of God's Law and for having reformed and purified the lives of people, even though none of this might be true. They wanted people to go about trumpeting that such and such a person had made great sacrifices in the cause of God and had sincerely guided people to the right way even though the facts might be the reverse of what they claimed.
phonetic Transliteration
La tahsabanna allatheena yafrahoona bima ataw wayuhibboona an yuhmadoo bima lam yafAAaloo fala tahsabannahum bimafazatin mina alAAathabi walahum AAathabun aleemun
English - Sahih International
And never think that those who rejoice in what they have perpetrated and like to be praised for what they did not do - never think them [to be] in safety from the punishment, and for them is a painful punishment.
Quran Bangla tarjuma
তুমি মনে করো না, যারা নিজেদের কৃতকর্মের উপর আনন্দিত হয় এবং না করা বিষয়ের জন্য প্রশংসা কামনা করে, তারা আমার নিকট থেকে অব্যাহতি লাভ করেছে। বস্তুতঃ তাদের জন্যে রয়েছে বেদনাদায়ক আযাব।
English | Türkçe | Indonesia |
Русский | Français | فارسی |
تفسير | Bengali | Urdu |
Ayats from Quran in Hindi
- वही तो है जो तुमको (अपनी कुदरत की) निशानियाँ दिखाता है और तुम्हारे लिए आसमान
- और जिन लोगों ने (सुलह हुदैबिया के) बाद ईमान क़ुबूल किया और हिजरत की और
- और हमने सारे आसमान व ज़मीन और जो चीज़े उन दोनों के दरमियान में हैं
- और जो लोग काफिर हो बैठे वह तो कुरान की तरफ से हमेशा शक ही
- ये लोग आग के लम्बे सुतूनो
- और इसमे तो शक ही नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार (सब पर) ग़ालिब और बड़ा मेहरबान
- उन दोनों बाग़ों के अलावा दो बाग़ और हैं
- ऐ लोगों अपने परवरदिगार की इबादत करो जिसने तुमको और उन लोगों को जो तुम
- और (उनकी शरारत यहॉ तक पहुंची) कि जब तुम (अज़ान देकर) नमाज़ के वास्ते (लोगों
- और ये कि हम में से कुछ लोग तो फ़रमाबरदार हैं और कुछ लोग नाफ़रमान
Quran surahs in Hindi :
Download surah Al Imran with the voice of the most famous Quran reciters :
surah Al Imran mp3 : choose the reciter to listen and download the chapter Al Imran Complete with high quality
Ahmed Al Ajmy
Bandar Balila
Khalid Al Jalil
Saad Al Ghamdi
Saud Al Shuraim
Abdul Basit
Abdul Rashid Sufi
Abdullah Basfar
Abdullah Al Juhani
Fares Abbad
Maher Al Muaiqly
Al Minshawi
Al Hosary
Mishari Al-afasi
Yasser Al Dosari
Please remember us in your sincere prayers