Surah Al Imran Ayat 3 Tafseer in Hindi
﴿نَزَّلَ عَلَيْكَ الْكِتَابَ بِالْحَقِّ مُصَدِّقًا لِّمَا بَيْنَ يَدَيْهِ وَأَنزَلَ التَّوْرَاةَ وَالْإِنجِيلَ﴾
[ آل عمران: 3]
(ऐ रसूल) उसी ने तुम पर बरहक़ किताब नाज़िल की जो (आसमानी किताबें पहले से) उसके सामने मौजूद हैं उनकी तसदीक़ करती है और उसी ने उससे पहले लोगों की हिदायत के वास्ते तौरेत व इन्जील नाज़िल की
Surah Al Imran Hindi
Surah Al Imran Verse 3 translate in arabic
نـزل عليك الكتاب بالحق مصدقا لما بين يديه وأنـزل التوراة والإنجيل
سورة: آل عمران - آية: ( 3 ) - جزء: ( 3 ) - صفحة: ( 50 )Surah Al Imran Ayat 3 meaning in Hindi
उसने तुमपर हक़ के साथ किताब उतारी जो पहले की (किताबों की) पुष्टि करती हैं, और उसने तौरात और इंजील उतारी
Quran Urdu translation
اس نے (اے محمدﷺ) تم پر سچی کتاب نازل کی جو پہلی (آسمانی) کتابوں کی تصدیق کرتی ہے اور اسی نے تورات اور انجیل نازل کی
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(3:3) He has revealed this Book to you, setting forth the truth and confirming the earlier Books, and earlier He revealed the Torah and Gospel
He has sent down upon you, [O Muhammad], the Book in truth, meaning
phonetic Transliteration
Nazzala AAalayka alkitaba bialhaqqi musaddiqan lima bayna yadayhi waanzala alttawrata waalinjeela
English - Sahih International
He has sent down upon you, [O Muhammad], the Book in truth, confirming what was before it. And He revealed the Torah and the Gospel.
Quran Bangla tarjuma
তিনি আপনার প্রতি কিতাব নাযিল করেছেন সত্যতার সাথে; যা সত্যায়ন করে পূর্ববর্তী কিতাবসমুহের।
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Ayats from Quran in Hindi
- और हमने यक़ीनन मूसा को खुले हुए नौ मौजिज़े अता किए तो (ऐ रसूल) बनी
- हॉ जो अपने गुनाह के बाद तौबा कर ले और अपने चाल चलन दुरूस्त कर
- (अच्छा तो लो) जहन्नुम के दरवाज़ों में दाख़िल हो और इसमें हमेशा रहोगे ग़रज़ तकब्बुर
- और बुरी बात के जवाब में ऐसी बात कहो जो निहायत अच्छी हो जो कुछ
- ये इस वजह से है कि वह लोग कहते हैं कि हमें गिनती के चन्द
- तो (ऐ रसूल) तुम खुदा पर भरोसा रखो बेशक तुम यक़ीनी सरीही हक़ पर हो
- (ये वह वक्त था) जब ख़ुदा ने तुम्हें ख्वाब में कुफ्फ़ार को कम करके दिखलाया
- तो जो चाहे इसे याद रखे
- और इस क़ुरान को शयातीन लेकर नाज़िल नही हुए
- करीब है कि ख़ुदा तुम्हारे और उनमें से तुम्हारे दुश्मनों के दरमियान दोस्ती पैदा कर
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