Surah Jathiyah Ayat 37 Tafseer in Hindi
﴿وَلَهُ الْكِبْرِيَاءُ فِي السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ ۖ وَهُوَ الْعَزِيزُ الْحَكِيمُ﴾
[ الجاثية: 37]
और सारे आसमान व ज़मीन में उसके लिए बड़ाई है और वही (सब पर) ग़ालिब हिकमत वाला है
Surah Al-Jaathiyah Hindi12. अर्थात महिमा और बड़ाई अल्लाह के लिए विशिष्ट है। जैसाकि एक ह़दीसे-क़ुद्सी में अल्लाह तआला ने फरमाया है कि महिमा मेरी चादर है तथा बड़ाई मेरा तहबंद है। और जो भी इन दोनों में से किसी एक को मुझसे खींचेगा तो मैं उसे नरक में फेंक दूँगा। (सह़ीह़ मुस्लिम : 2620)
Surah Jathiyah Verse 37 translate in arabic
وله الكبرياء في السموات والأرض وهو العزيز الحكيم
سورة: الجاثية - آية: ( 37 ) - جزء: ( 25 ) - صفحة: ( 502 )Surah Jathiyah Ayat 37 meaning in Hindi
आकाशों और धरती में बड़ाई उसी के लिए है, और वही प्रभुत्वशाली, अत्यन्त तत्वदर्शी है
Quran Urdu translation
اور آسمانوں اور زمین میں اُسی کے لئے بڑائی ہے۔ اور وہ غالب اور دانا ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(45:37) His is the glory in the heavens and the earth. He is the Most Mighty, the Most Wise.
And to Him belongs [all] grandeur within the heavens and the earth, meaning
phonetic Transliteration
Walahu alkibriyao fee alssamawati waalardi wahuwa alAAazeezu alhakeemu
English - Sahih International
And to Him belongs [all] grandeur within the heavens and the earth, and He is the Exalted in Might, the Wise.
Quran Bangla tarjuma
নভোমন্ডলে ও ভূ-মন্ডলে তাঁরই গৌরব। তিনি পরাক্রমশালী, প্রজ্ঞাময়।
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