Surah Furqan Ayat 45 Tafseer in Hindi
﴿أَلَمْ تَرَ إِلَىٰ رَبِّكَ كَيْفَ مَدَّ الظِّلَّ وَلَوْ شَاءَ لَجَعَلَهُ سَاكِنًا ثُمَّ جَعَلْنَا الشَّمْسَ عَلَيْهِ دَلِيلًا﴾
[ الفرقان: 45]
(ऐ रसूल) क्या तुमने अपने परवरदिगार की कुदरत की तरफ नज़र नहीं की कि उसने क्योंकर साये को फैला दिया अगर वह चहता तो उसे (एक ही जगह) ठहरा हुआ कर देता फिर हमने आफताब को (उसकी शिनाख्त के वास्ते) उसका रहनुमा बना दिया
Surah Al-Furqan Hindi24. अर्थात सदा छाया ही रहती। 25. अर्थात छाया सूर्य के साथ फैलती तथा सिमटती है। और यह अल्लाह के सामर्थ्य तथा उसके एकमात्र पूज्य होने का प्रामाण है।
Surah Furqan Verse 45 translate in arabic
ألم تر إلى ربك كيف مد الظل ولو شاء لجعله ساكنا ثم جعلنا الشمس عليه دليلا
سورة: الفرقان - آية: ( 45 ) - جزء: ( 19 ) - صفحة: ( 364 )Surah Furqan Ayat 45 meaning in Hindi
क्या तुमने अपने रब को नहीं देखा कि कैसे फैलाई छाया? यदि चाहता तो उसे स्थिर रखता। फिर हमने सूर्य को उसका पता देनेवाला बनाया,
Quran Urdu translation
بلکہ تم نے اپنے پروردگار (کی قدرت) کو نہیں دیکھا کہ وہ سائے کو کس طرح دراز کر (کے پھیلا) دیتا ہے۔ اور اگر وہ چاہتا تو اس کو (بےحرکت) ٹھیرا رکھتا پھر سورج کو اس کا رہنما بنا دیتا ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(25:45) Have you not seen how your Lord lengthens out the shadow? Had He willed, He would have made it constant, but We have made the sun its pilot; *58
Have you not considered your Lord - how He extends the shadow, meaning
*58) The word dalil has been used in the sense of the "pilot", who is a person trained to take ships safely in or out of a harbour, or along a waterway. The sun has been trade the pilot of the shadow because the lengthening out of the shadow and its being rolled up depends on the rising, declining and setting of the sun.
phonetic Transliteration
Alam tara ila rabbika kayfa madda alththilla walaw shaa lajaAAalahu sakinan thumma jaAAalna alshshamsa AAalayhi daleelan
English - Sahih International
Have you not considered your Lord - how He extends the shadow, and if He willed, He could have made it stationary? Then We made the sun for it an indication.
Quran Bangla tarjuma
তুমি কি তোমার পালনকর্তাকে দেখ না, তিনি কিভাবে ছায়াকে বিলম্বিত করেন? তিনি ইচ্ছা করলে একে স্থির রাখতে পারতেন। এরপর আমি সূর্যকে করেছি এর নির্দেশক।
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