Surah Shuara Ayat 97 Tafseer in Hindi
﴿تَاللَّهِ إِن كُنَّا لَفِي ضَلَالٍ مُّبِينٍ﴾
[ الشعراء: 97]
ख़ुदा की क़सम हम लोग तो यक़ीनन सरीही गुमराही में थे
Surah Ash-Shuara Hindi
Surah Shuara Verse 97 translate in arabic
Surah Shuara Ayat 97 meaning in Hindi
"अल्लाह की क़सम! निश्चय ही हम खुली गुमराही में थे
Quran Urdu translation
کہ خدا کی قسم ہم تو صریح گمراہی میں تھے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(26:97) "By God ! We had certainly strayed
"By Allah, we were indeed in manifest error meaning
Ayats from Quran in Hindi
- (नाशुक्री का एक क़िस्सा सुनो) मूसा की क़ौम से एक शख्स कारुन (नामी) था तो
- ये वही लोग हैं जिनके (रहने सहने के) लिए सदाबहार (बेहश्त के) बाग़ात हैं उनके
- ऐ ईमानवालों तुम (रसूल को अपनी तरफ मुतावज्जे करना चाहो तो) रआना (हमारी रिआयत कर)
- क्या इस पर क़ादिर नहीं कि (क़यामत में) मुर्दों को ज़िन्दा कर दे
- उसके बाद बड़े सख्त (खुश्क साली (सूखे) के) सात बरस आएंगें कि जो कुछ तुम
- तो वह (ऐ रसूल) तुम्हारे परवरदिगार की (अपनी) क़िस्म हम उनको और शैतान को इकट्ठा
- और शैतान ने अपने ख्याल को (जो उनके बारे में किया था) सच कर दिखाया
- और जब उन (कुफ्फ़ार) से कहा जाता है कि (माले दुनिया से) जो खुदा ने
- और सजदा
- (ऐ रसूल) तुम कह दो कि क्या तुम उस (ख़ुदा) से इन्कार करते हो जिसने
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