Surah Mursalat Ayat 1 Tafseer in Hindi
﴿وَالْمُرْسَلَاتِ عُرْفًا﴾
[ المرسلات: 1]
हवाओं की क़सम जो (पहले) धीमी चलती हैं
Surah Al-Mursalat Hindi
Surah Mursalat Verse 1 translate in arabic
Surah Mursalat Ayat 1 meaning in Hindi
साक्षी है वे (हवाएँ) जिनकी चोटी छोड़ दी जाती है
Quran Urdu translation
ہواؤں کی قسم جو نرم نرم چلتی ہیں
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(77:1) By the (winds) sent forth in quick succession,
By those [winds] sent forth in gusts meaning
Ayats from Quran in Hindi
- और (ऐ रसूल) तुम्हारे परवरदिगार ने शहद की मक्खियों के दिल में ये बात डाली
- कि अब शैतान आलमे बाला की तरफ़ कान भी नहीं लगा सकते और (जहाँ सुन
- बेशक जो लोग ख़ुदा की और उसके रसूल की मुख़ालेफ़त करते हैं वह (उसी तरह)
- और जिन लोगों को तुमसे पहले किताबे ख़ुदा अता की गयी है उनको और तुमको
- (गुनाहगार जिनों और आदमियों जहन्नुम में) तुम दोनो पर आग का सब्ज़ शोला और सियाह
- कुफ्फ़ार कहते हैं कि क्या हम उलटे पाँव (ज़िन्दगी की तरफ़) फिर लौटेंगे
- और ये कि वही मालदार बनाता है और सरमाया अता करता है,
- और तुमको क्या हो गया कि (अपना माल) ख़ुदा की राह में ख़र्च नहीं करते
- तो तुम दोनों अपने मालिक की किस किस नेअमत से इन्कार करोगे
- और ये लोग दोजख़ में (पड़े) चिल्लाया करेगें कि परवरदिगार अब हमको (यहाँ से) निकाल
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