Surah Al Imran Ayat 169 Tafseer in Hindi
﴿وَلَا تَحْسَبَنَّ الَّذِينَ قُتِلُوا فِي سَبِيلِ اللَّهِ أَمْوَاتًا ۚ بَلْ أَحْيَاءٌ عِندَ رَبِّهِمْ يُرْزَقُونَ﴾
[ آل عمران: 169]
और जो लोग ख़ुदा की राह में शहीद किए गए उन्हें हरगिज़ मुर्दा न समझना बल्कि वह लोग जीते जागते मौजूद हैं अपने परवरदिगार की तरफ़ से वह (तरह तरह की) रोज़ी पाते हैं
Surah Al Imran Hindi93. शहीदों का जीवन कैसा होता है? ह़दीस में है कि उनकी आत्माएँ हरे पक्षियों के भीतर रख दी जाती हैं और वे स्वर्ग में चुगते तथा आनंद लेते फिरते हैं। (सह़ीह़ मुस्लिम, ह़दीस : 1887)
Surah Al Imran Verse 169 translate in arabic
ولا تحسبن الذين قتلوا في سبيل الله أمواتا بل أحياء عند ربهم يرزقون
سورة: آل عمران - آية: ( 169 ) - جزء: ( 4 ) - صفحة: ( 72 )Surah Al Imran Ayat 169 meaning in Hindi
तुम उन लोगों को जो अल्लाह के मार्ग में मारे गए है, मुर्दा न समझो, बल्कि वे अपने रब के पास जीवित हैं, रोज़ी पा रहे हैं
Quran Urdu translation
جو لوگ خدا کی راہ میں مارے گئے ان کو مرے ہوئے نہ سمجھنا (وہ مرے ہوئے نہیں ہیں) بلکہ خدا کے نزدیک زندہ ہیں اور ان کو رزق مل رہا ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(3:169) Think not of those slain in the way of Allah as dead. *120 Indeed they are living, and with their Lord they have their sustenance,
And never think of those who have been killed in the cause meaning
*120). For an explanation see Surah 2. n. 155 above.
phonetic Transliteration
Wala tahsabanna allatheena qutiloo fee sabeeli Allahi amwatan bal ahyaon AAinda rabbihim yurzaqoona
English - Sahih International
And never think of those who have been killed in the cause of Allah as dead. Rather, they are alive with their Lord, receiving provision,
Quran Bangla tarjuma
আর যারা আল্লাহর রাহে নিহত হয়, তাদেরকে তুমি কখনো মৃত মনে করো না। বরং তারা নিজেদের পালনকর্তার নিকট জীবিত ও জীবিকাপ্রাপ্ত।
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