Surah Shuara Ayat 190 Tafseer in Hindi
﴿إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَآيَةً ۖ وَمَا كَانَ أَكْثَرُهُم مُّؤْمِنِينَ﴾
[ الشعراء: 190]
इसमे भी शक नहीं कि इसमें (समझदारों के लिए) एक बड़ी इबरत है और उनमें के बहुतेरे ईमान लाने वाले ही न थे
Surah Ash-Shuara Hindi
Surah Shuara Verse 190 translate in arabic
Surah Shuara Ayat 190 meaning in Hindi
निस्संदेह इसमें एक बड़ी निशानी है। इसपर भी उनमें से अधिकतर माननेवाले नहीं
Quran Urdu translation
اس میں یقیناً نشانی ہے۔ اور ان میں اکثر ایمان لانے والے نہیں تھے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(26:190) Indeed there is a Sign in this, but most of these people would not believe.
Indeed in that is a sign, but most of them were not meaning
phonetic Transliteration
Inna fee thalika laayatan wama kana aktharuhum mumineena
English - Sahih International
Indeed in that is a sign, but most of them were not to be believers.
Quran Bangla tarjuma
নিশ্চয় এতে নিদর্শন রয়েছে; কিন্তু তাদের অধিকাংশই বিশ্বাস করে না।
English | Türkçe | Indonesia |
Русский | Français | فارسی |
تفسير | Bengali | Urdu |
Ayats from Quran in Hindi
- और (ऐ रसूल वह वक्त याद करो) जब तुम उस शख्स (ज़ैद) से कह रहे
- जिसकी तरफ फ़रिश्ते और रूहुल अमीन चढ़ते हैं (और ये) एक दिन में इतनी मुसाफ़त
- और मै तो तुमसे इस (तबलीगे रिसालत) पर कुछ मज़दूरी भी नहीं माँगता मेरी मज़दूरी
- फिर उन लोगों से और उनके पीछे से और उनके दाहिने से और उनके बाएं
- एक मसल ख़ुदा ने बयान फरमाई कि एक ग़ुलाम है जो दूसरे के कब्जे में
- (और ख़िदमत के लिए) नौजवान लड़के उनके आस पास चक्कर लगाया करेंगे वह (हुस्न व
- ऐ ईमानदारों ख़ुदा से डरो और जो सूद लोगों के ज़िम्मे बाक़ी रह गया है
- जो सग़ीरा गुनाहों के सिवा कबीरा गुनाहों से और बेहयाई की बातों से बचे रहते
- ऐ अब्बा आप शैतान की परसतिश न कीजिए (क्योंकि) शैतान यक़ीनन खुदा का नाफ़रमान (बन्दा)
- उनमें अपने छत्ते बना फिर हर तरह के फलों (के पूर से) (उनका अर्क़) चूस
Quran surahs in Hindi :
Download surah Shuara with the voice of the most famous Quran reciters :
surah Shuara mp3 : choose the reciter to listen and download the chapter Shuara Complete with high quality
Ahmed Al Ajmy
Bandar Balila
Khalid Al Jalil
Saad Al Ghamdi
Saud Al Shuraim
Abdul Basit
Abdul Rashid Sufi
Abdullah Basfar
Abdullah Al Juhani
Fares Abbad
Maher Al Muaiqly
Al Minshawi
Al Hosary
Mishari Al-afasi
Yasser Al Dosari
Please remember us in your sincere prayers