Surah Ad Dukhaan Ayat 20 Tafseer in Hindi
﴿وَإِنِّي عُذْتُ بِرَبِّي وَرَبِّكُمْ أَن تَرْجُمُونِ﴾
[ الدخان: 20]
और इस बात से कि तुम मुझे संगसार करो मैं अपने और तुम्हारे परवरदिगार (ख़ुदा) की पनाह मांगता हूँ
Surah Ad-Dukhaan Hindi
Surah Ad Dukhaan Verse 20 translate in arabic
Surah Ad Dukhaan Ayat 20 meaning in Hindi
और मैं इससे अपने रब और तुम्हारे रब की शरण ले चुका हूँ कि तुम मुझ पर पथराव करके मार डालो
Quran Urdu translation
اور اس (بات) سے کہ تم مجھے سنگسار کرو اپنے اور تمہارے پروردگار کی پناہ مانگتا ہوں
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(44:20) I have taken refuge with my Lord and your Lord lest you should attack me with stones.
And indeed, I have sought refuge in my Lord and your Lord, meaning
phonetic Transliteration
Wainnee AAuthtu birabbee warabbikum an tarjumooni
English - Sahih International
And indeed, I have sought refuge in my Lord and your Lord, lest you stone me.
Quran Bangla tarjuma
তোমরা যাতে আমাকে প্রস্তরবর্ষণে হত্যা না কর, তজ্জন্যে আমি আমার পালনকর্তা ও তোমাদের পালনকর্তার শরনাপন্ন হয়েছি।
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تفسير | Bengali | Urdu |
Ayats from Quran in Hindi
- और अगर तुम लोग खुदा और उसके रसूल और आखेरत के घर की ख्वाहॉ हो
- और तुम्हारा परवरदिगार ऐसा (बे इन्साफ) कभी न था कि बस्तियों को जबरदस्ती उजाड़ देता
- तो ये (कम्बख्त) मार डाला जाए
- (ऐ रसूल) तुम कह दो कि मुझे तो ये हुक्म दिया गया है कि मैं
- फिर हमने उन्हें (अपना अज़ाब का) वायदा सच्चा कर दिखाया (और जब अज़ाब आ पहुँचा)
- (ऐ रसूल इनसे) पूछो तो कि क्या तुम ख़ुदा को अपनी दीदारी जताते हो और
- ग़रज़ इबराहीम ने उन लोगों को और जिसे ये लोग खुदा को छोड़कर परसतिश किया
- (क्योंकि) क़यामत ज़रूर आने वाली है और मैं उसे लामहौला छिपाए रखूँगा ताकि हर शख्स
- बेशक जिन लोगों ने ईमान के एवज़ कुफ़्र ख़रीद किया वह हरगिज़ खुदा का कुछ
- तो क्या तुम (इतना भी) ग़ौर नहीं करते
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