Surah Araf Ayat 24 Tafseer in Hindi
﴿قَالَ اهْبِطُوا بَعْضُكُمْ لِبَعْضٍ عَدُوٌّ ۖ وَلَكُمْ فِي الْأَرْضِ مُسْتَقَرٌّ وَمَتَاعٌ إِلَىٰ حِينٍ﴾
[ الأعراف: 24]
हुक्म हुआ तुम (मियां बीबी शैतान) सब के सब बेहशत से नीचे उतरो तुममें से एक का एक दुश्मन है और (एक ख़ास) वक्त तक तुम्हारा ज़मीन में ठहराव (ठिकाना) और ज़िन्दगी का सामना है
Surah Al-Araf Hindi
Surah Araf Verse 24 translate in arabic
قال اهبطوا بعضكم لبعض عدو ولكم في الأرض مستقر ومتاع إلى حين
سورة: الأعراف - آية: ( 24 ) - جزء: ( 8 ) - صفحة: ( 153 )Surah Araf Ayat 24 meaning in Hindi
कहा, "उतर जाओ! तुम परस्पर एक-दूसरे के शत्रु हो और एक अवधि कर तुम्हारे लिए धरती में ठिकाना और जीवन-सामग्री है।"
Quran Urdu translation
(خدا نے) فرمایا (تم سب بہشت سے) اتر جاؤ (اب سے) تم ایک دوسرے کے دشمن ہو اور تمہارے لیے ایک وقت (خاص) تک زمین پر ٹھکانہ اور (زندگی کا) سامان (کر دیا گیا) ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(7:24) Allah said: 'Go down; *14you are enemies one of the other. For you there is dwelling and provision on the earth for a while.'
[Allah] said, "Descend, being to one another enemies. And for you on meaning
*14). God's command that Adam and Eve 'go down' should not be misunderstood to mean that their departure from Paradise was by way of punishment. The Qur'an has made it clear many a time that God accepted Adam and Eve's repentance and pardoned them. Thus the order does not imply punishment. It rather signifies the fulfilment of the purpose for which man was created. (For elaboration see Towards Understanding the Qur'an, vol. 1, al-Baqarh 2: nn. 48 and 53, pp. 63-4 and 66 - Ed.)
phonetic Transliteration
Qala ihbitoo baAAdukum libaAAdin AAaduwwun walakum fee alardi mustaqarrun wamataAAun ila heenin
English - Sahih International
[Allah] said, "Descend, being to one another enemies. And for you on the earth is a place of settlement and enjoyment for a time."
Quran Bangla tarjuma
আল্লাহ বললেনঃ তোমরা নেমে যাও। তোমরা এক অপরের শত্রু। তোমাদের জন্যে পৃথিবীতে বাসস্থান আছে এবং একটি নির্দিষ্ট মেয়াদ পর্যন্ত ফল ভোগ আছে।
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Ayats from Quran in Hindi
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- और उनसे सरताबी की न उनके लिए आसमान के दरवाज़े खोले जाएंगें और वह बेहश्त
- हालॉकि तुम पर निगेहबान मुक़र्रर हैं
- तो परवरदिगार मुझे उन ज़ालिम लोगों के हमराह न करना
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