Surah Ibrahim Ayat 28 Tafseer in Hindi
﴿۞ أَلَمْ تَرَ إِلَى الَّذِينَ بَدَّلُوا نِعْمَتَ اللَّهِ كُفْرًا وَأَحَلُّوا قَوْمَهُمْ دَارَ الْبَوَارِ﴾
[ إبراهيم: 28]
(ऐ रसूल) क्या तुमने उन लोगों के हाल पर ग़ौर नहीं किया जिन्होंने मेरे एहसान के बदले नाशुक्री की एख्तियार की और अपनी क़ौम को हलाकत के घरवाहे (जहन्नुम) में झोंक दिया
Surah Ibrahim Hindi13. अर्थात मक्का के मुश्रिक, जिन्होंने आपका विरोध किया। (देखिए : सह़ीह़ बुख़ारी : 4700)
Surah Ibrahim Verse 28 translate in arabic
ألم تر إلى الذين بدلوا نعمة الله كفرا وأحلوا قومهم دار البوار
سورة: إبراهيم - آية: ( 28 ) - جزء: ( 13 ) - صفحة: ( 259 )Surah Ibrahim Ayat 28 meaning in Hindi
क्या तुमने उन लोगों को नहीं देखा जिन्होंने अल्लाह की नेमत को कुफ़्र से बदल डाला औऱ अपनी क़ौम को विनाश-गृह में उतार दिया;
Quran Urdu translation
کیا تم نے ان لوگوں کو نہیں دیکھا جنہوں نے خدا کے احسان کو ناشکری سے بدل دیا۔ اور اپنی قوم کو تباہی کے گھر میں اتارا
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(14:28) You have seen those people who repaid the bounty of Allah with ingratitude and hurled their people (along with themselves) into the abode of perdition-
Have you not considered those who exchanged the favor of Allah for meaning
phonetic Transliteration
Alam tara ila allatheena baddaloo niAAmata Allahi kufran waahalloo qawmahum dara albawari
English - Sahih International
Have you not considered those who exchanged the favor of Allah for disbelief and settled their people [in] the home of ruin?
Quran Bangla tarjuma
তুমি কি তাদের কে দেখনি, যারা আল্লাহর নেয়ামতকে কুফরে পরিণত করেছে এবং স্ব-জাতিকে সম্মুখীন করেছে ধ্বংসের আলয়ে।
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Ayats from Quran in Hindi
- और (ऐ रसूल) हम लोग फ़रिश्ते आप के परवरदिगार के हुक्म के बग़ैर (दुनिया में)
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