Surah Maarij Ayat 30 Tafseer in Hindi
﴿إِلَّا عَلَىٰ أَزْوَاجِهِمْ أَوْ مَا مَلَكَتْ أَيْمَانُهُمْ فَإِنَّهُمْ غَيْرُ مَلُومِينَ﴾
[ المعارج: 30]
तो इन लोगों की हरगिज़ मलामत न की जाएगी
Surah Al-Maarij Hindi7. इस्लाम में उसी दासी से संभोग उचित है जिसे सेनापति ने ग़नीमत के दूसरे धनों के समान किसी मुजाहिद के स्वामित्व में दे दिया हो। इससे पूर्व किसी बंदी स्त्री से संभोग पाप तथा व्यभिचार है। और उससे संभोग भी उस समय वैध है जब उसे एक बार मासिक धर्म आ जाए। अथवा गर्भवती हो, तो प्रसव के पश्चात् ही संभोग किया जा सकता है। इसी प्रकार जिसके स्वामित्व में आई हो, उसके सिवा और कोई उससे संभोग नहीं कर सकता।
Surah Maarij Verse 30 translate in arabic
إلا على أزواجهم أو ما ملكت أيمانهم فإنهم غير ملومين
سورة: المعارج - آية: ( 30 ) - جزء: ( 29 ) - صفحة: ( 569 )Surah Maarij Ayat 30 meaning in Hindi
अपनी पत्नि यों या जो उनकी मिल्क में हो उनके अतिरिक्त दूसरों से तो इस बात पर उनकी कोई भर्त्सना नही। -
Quran Urdu translation
مگر اپنی بیویوں یا لونڈیوں سے کہ (ان کے پاس جانے پر) انہیں کچھ ملامت نہیں
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(70:30) except in regard to their spouses and those whom their right hands possess, for in regard to them they are not reproachable, *20
Except from their wives or those their right hands possess, for indeed, meaning
*20) For explanation, see E.N. 7 of Al-Mu'minun.
phonetic Transliteration
Illa AAala azwajihim aw ma malakat aymanuhum fainnahum ghayru maloomeena
English - Sahih International
Except from their wives or those their right hands possess, for indeed, they are not to be blamed -
Quran Bangla tarjuma
কিন্তু তাদের স্ত্রী অথবা মালিকানাভূক্ত দাসীদের বেলায় তিরস্কৃত হবে না।
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