Surah Maryam Ayat 31 Tafseer in Hindi
﴿وَجَعَلَنِي مُبَارَكًا أَيْنَ مَا كُنتُ وَأَوْصَانِي بِالصَّلَاةِ وَالزَّكَاةِ مَا دُمْتُ حَيًّا﴾
[ مريم: 31]
और मै (चाहे) कहीं रहूँ मुझ को मुबारक बनाया और मुझ को जब तक ज़िन्दा रहूँ नमाज़ पढ़ने ज़कात देने की ताकीद की है और मुझ को अपनी वालेदा का फ़रमाबरदार बनाया
Surah Maryam Hindi
Surah Maryam Verse 31 translate in arabic
وجعلني مباركا أين ما كنت وأوصاني بالصلاة والزكاة ما دمت حيا
سورة: مريم - آية: ( 31 ) - جزء: ( 16 ) - صفحة: ( 307 )Surah Maryam Ayat 31 meaning in Hindi
और मुझे बरकतवाला किया जहाँ भी मैं रहूँ, और मुझे नमाज़ और ज़कात की ताकीद की, जब तक कि मैं जीवित रहूँ
Quran Urdu translation
اور میں جہاں ہوں (اور جس حال میں ہوں) مجھے صاحب برکت کیا ہے اور جب تک زندہ ہوں مجھ کو نماز اور زکوٰة کا ارشاد فرمایا ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(19:31) and He has made me blessed wherever I may be. He has enjoined upon me to offer Salat and give Zakat so long as I shall live.
And He has made me blessed wherever I am and has enjoined meaning
phonetic Transliteration
WajaAAalanee mubarakan ayna ma kuntu waawsanee bialssalati waalzzakati ma dumtu hayyan
English - Sahih International
And He has made me blessed wherever I am and has enjoined upon me prayer and zakah as long as I remain alive
Quran Bangla tarjuma
আমি যেখানেই থাকি, তিনি আমাকে বরকতময় করেছেন। তিনি আমাকে নির্দেশ দিয়েছেন, যতদিন জীবিত থাকি, ততদিন নামায ও যাকাত আদায় করতে।
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Ayats from Quran in Hindi
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