Surah Qiyamah Ayat 34 Tafseer in Hindi
﴿أَوْلَىٰ لَكَ فَأَوْلَىٰ﴾
[ القيامة: 34]
अफसोस है तुझ पर फिर अफसोस है फिर तुफ़ है
Surah Al-Qiyamah Hindi
Surah Qiyamah Verse 34 translate in arabic
Surah Qiyamah Ayat 34 meaning in Hindi
अफ़सोस है तुझपर और अफ़सोस है!
Quran Urdu translation
افسوس ہے تجھ پر پھر افسوس ہے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(75:34) This (attitude) is worthy of you, altogether worthy;
Woe to you, and woe! meaning
Ayats from Quran in Hindi
- और उन्होंने बहुतेरों को गुमराह कर छोड़ा और तू (उन) ज़ालिमों की गुमराही को और
- ऐ रसूल जो चीज़ ख़ुदा ने तुम्हारे लिए हलाल की है तुम उससे अपनी बीवियों
- क्या तुमने इसको भी नहीं देखा कि जो लोग आसमानों में हैं और जो लोग
- क्या उन लोगों के (बनाए हुए) ऐसे शरीक हैं जिन्होंने उनके लिए ऐसा दीन मुक़र्रर
- मै तो सिर्फ ख़ुदा पर भरोसा रखता हूँ जो मेरा भी परवरदिगार है और तुम्हारा
- और तुम्हारे वास्ते कान और ऑंख और दिल बनाए (मगर) तुम तो बहुत कम शुक्र
- और वहाँ तो हमने एक के सिवा मुसलमानों का कोई घर पाया भी नहीं
- बेशक जिन लोगों ने ईमान कुबूल किया और अच्छे अच्छे काम किए उनको (खुदा बेहश्त
- ये लोग मुख़तलिफ़ शहरों में सरकश हो रहे थे
- और ख़ुदा तो चाहता है कि तुम्हारी तौबा क़ुबूल
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