Surah Mursalat Ayat 4 Tafseer in Hindi
﴿فَالْفَارِقَاتِ فَرْقًا﴾
[ المرسلات: 4]
फिर (उनको) फाड़ कर जुदा कर देती हैं
Surah Al-Mursalat Hindi2. अर्थात सत्यासत्य तथा वैध और अवैध के बीच अंतर करने के लिए आदेश लाते हैं।
Surah Mursalat Verse 4 translate in arabic
Surah Mursalat Ayat 4 meaning in Hindi
फिर मामला करती है अलग-अलग,
Quran Urdu translation
پھر ان کو پھاڑ کر جدا جدا کر دیتی ہیں
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(77:4) then winnow them thoroughly,
And those [angels] who bring criterion meaning
Ayats from Quran in Hindi
- (ऐ रसूल) जो कुछ ये कुफ्फ़ार बका करते हैं तुम उस पर सब्र करो और
- ख़ारदार झाड़ी के सिवा उनके लिए कोई खाना नहीं
- लोगों तुम सब के सब खुदा के (हर वक्त) मोहताज हो और (सिर्फ) खुदा ही
- जो लोग खुदा के एहदो पैमान को मज़बूत हो जाने के बाद तोड़ डालते हैं
- और (हमने) क़ौमे समूद के पास उनके भाई सालेह को (पैग़म्बर बनाकर भेजा) तो उन्होंने
- ग़रज़ जब तुम अपने हमराहियों के साथ कश्ती पर दुरुस्त बैठो तो कहो तमाम हम्दो
- तो तुम दोनों अपने परवरदिगार की किस किस नेअमत से मुकरोगे
- और उनको इजाज़त दी जाएगी कि कुछ उज्र माअज़ेरत कर सकें
- और जिस शख्स की हिदायत करे तो उसका कोई गुमराह करने वाला नहीं। क्या ख़दा
- और (अलहमदोलिल्लाह कि) मुझको सरकश नाफरमान नहीं बनाया
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