Surah Fussilat Ayat 46 Tafseer in Hindi
﴿مَّنْ عَمِلَ صَالِحًا فَلِنَفْسِهِ ۖ وَمَنْ أَسَاءَ فَعَلَيْهَا ۗ وَمَا رَبُّكَ بِظَلَّامٍ لِّلْعَبِيدِ﴾
[ فصلت: 46]
जिसने अच्छे अच्छे काम किये तो अपने नफे क़े लिए और जो बुरा काम करे उसका वबाल भी उसी पर है और तुम्हारा परवरदिगार तो बन्दों पर (कभी) ज़ुल्म करने वाला नहीं
Surah Fussilat Hindi16. अर्थात किसी को बिना पाप के यातना नहीं देता।
Surah Fussilat Verse 46 translate in arabic
من عمل صالحا فلنفسه ومن أساء فعليها وما ربك بظلام للعبيد
سورة: فصلت - آية: ( 46 ) - جزء: ( 24 ) - صفحة: ( 481 )Surah Fussilat Ayat 46 meaning in Hindi
जिस किसी ने अच्छा कर्म किया तो अपने ही लिए और जिस किसी ने बुराई की, तो उसका वबाल भी उसी पर पड़ेगा। वास्तव में तुम्हारा रब अपने बन्दों पर तनिक भी ज़ुल्म नहीं करता
Quran Urdu translation
جو نیک کام کرے گا تو اپنے لئے۔ اور جو برے کام کرے گا تو ان کا ضرر اسی کو ہوگا۔ اور تمہارا پروردگار بندوں پر ظلم کرنے والا نہیں
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(41:46) Whoever does good, does so to his own benefit; and whoever does evil, will suffer its evil consequence. Your Lord does no wrong to His servants. *59
Whoever does righteousness - it is for his [own] soul; and whoever meaning
*59) That is, "Your Lord can never be so unjust as to Iet go to waste the good deeds of a good man and fail to punish the evil-doers for their evil."
phonetic Transliteration
Man AAamila salihan falinafsihi waman asaa faAAalayha wama rabbuka bithallamin lilAAabeedi
English - Sahih International
Whoever does righteousness - it is for his [own] soul; and whoever does evil [does so] against it. And your Lord is not ever unjust to [His] servants.
Quran Bangla tarjuma
যে সৎকর্ম করে, সে নিজের উপকারের জন্যেই করে, আর যে অসৎকর্ম করে, তা তার উপরই বর্তাবে। আপনার পালনকর্তা বান্দাদের প্রতি মোটেই যুলুম করেন না।
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