Surah Anbiya Ayat 50 Tafseer in Hindi
﴿وَهَٰذَا ذِكْرٌ مُّبَارَكٌ أَنزَلْنَاهُ ۚ أَفَأَنتُمْ لَهُ مُنكِرُونَ﴾
[ الأنبياء: 50]
और ये (कुरान भी) एक बाबरकत तज़किरा है जिसको हमने उतारा है तो क्या तुम लोग इसको नहीं मानते
Surah Al-Anbiya Hindi
Surah Anbiya Verse 50 translate in arabic
Surah Anbiya Ayat 50 meaning in Hindi
और वह बरकतवाली अनुस्मृति है, जिसको हमने अवतरित किया है। तो क्या तुम्हें इससे इनकार है
Quran Urdu translation
یہ مبارک نصیحت ہے جسے ہم نے نازل فرمایا ہے تو کیا تم اس سے انکار کرتے ہو؟
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(21:50) And now We have sent down this blessed "Admonition" (for you). Do you, then, reject this?
And this [Qur'an] is a blessed message which We have sent down. meaning
phonetic Transliteration
Wahatha thikrun mubarakun anzalnahu afaantum lahu munkiroona
English - Sahih International
And this [Qur'an] is a blessed message which We have sent down. Then are you with it unacquainted?
Quran Bangla tarjuma
এবং এটা একটা বরকতময় উপদেশ, যা আমি নাযিল করেছি। অতএব তোমরা কি একে অস্বীকার কর?
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تفسير | Bengali | Urdu |
Ayats from Quran in Hindi
- और इसमें भी शक नहीं कि लूत यक़ीनी पैग़म्बरों में से थे
- ग़रज़ उन्हें यक़ीनन एक सख्त चिंघाड़ ने ले डाला तो हमने उन्हें कूडे क़रकट (का
- के रास्ते पर है
- हमारा उनका साथ नहीं हो सकता (ख़ुदा ने फ़रमाया) (अच्छा) तो उनकी सज़ा यह है
- तुम लोग ज़रूर दोज़ख़ को देखोगे
- न तो उन्हीं को उसकी कुछ खबर है और न उनके बाप दादाओं ही को
- और उन से लड़े जाओ यहाँ तक कि फ़साद बाक़ी न रहे और सिर्फ ख़ुदा
- (जो शिकस्त खा चुके) सब ही ने तो पैग़म्बरों को झुठलाया तो हमारा अज़ाब ठीक
- ये तुम्हारे परवरदिगार की मेहरबानी का ज़िक्र है जो (उसने) अपने ख़ास बन्दे ज़करिया के
- (ऐ रसूल) तुम कह दो मैं लोगों के परवरदिगार
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