Surah Al Imran Ayat 69 Tafseer in Hindi
﴿وَدَّت طَّائِفَةٌ مِّنْ أَهْلِ الْكِتَابِ لَوْ يُضِلُّونَكُمْ وَمَا يُضِلُّونَ إِلَّا أَنفُسَهُمْ وَمَا يَشْعُرُونَ﴾
[ آل عمران: 69]
(मुसलमानो) अहले किताब से एक गिरोह ने बहुत चाहा कि किसी तरह तुमको राहेरास्त से भटका दे हालॉकि वह (अपनी तदबीरों से तुमको तो नहीं मगर) अपने ही को भटकाते हैं
Surah Al Imran Hindi
Surah Al Imran Verse 69 translate in arabic
ودت طائفة من أهل الكتاب لو يضلونكم وما يضلون إلا أنفسهم وما يشعرون
سورة: آل عمران - آية: ( 69 ) - جزء: ( 3 ) - صفحة: ( 58 )Surah Al Imran Ayat 69 meaning in Hindi
किताबवालों में से एक गिरोह के लोगों की कामना है कि काश! वे तुम्हें पथभ्रष्ट कर सकें, जबकि वे केवल अपने-आपकों पथभ्रष्ट कर रहे है! किन्तु उन्हें इसका एहसास नहीं
Quran Urdu translation
(اے اہل اسلام) بعضے اہلِ کتاب اس بات کی خواہش رکھتے ہیں کہ تم کو گمراہ کر دیں مگر یہ (تم کو کیا گمراہ کریں گے) اپنے آپ کو ہی گمراہ کر رہے ہیں اور نہیں جانتے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(3:69) A party of the People of the Book would fain lead you astray, whereas in truth they lead none astray except themselves, but they do not realize it.
A faction of the people of the Scripture wish they could mislead meaning
phonetic Transliteration
Waddat taifatun min ahli alkitabi law yudilloonakum wama yudilloona illa anfusahum wama yashAAuroona
English - Sahih International
A faction of the people of the Scripture wish they could mislead you. But they do not mislead except themselves, and they perceive [it] not.
Quran Bangla tarjuma
কোন কোন আহলে-কিতাবের আকাঙ্খা, যাতে তোমাদের গোমরাহ করতে পারে, কিন্তু তারা নিজেদের ছাড়া অন্য কাউকেই গোমরাহ করে না। অথচ তারা বুঝতে পারে না।
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