Surah Hijr Ayat 84 Tafseer in Hindi
﴿فَمَا أَغْنَىٰ عَنْهُم مَّا كَانُوا يَكْسِبُونَ﴾
[ الحجر: 84]
फिर जो कुछ वह अपनी हिफाज़त की तदबीर किया करते थे (अज़ाब ख़ुदा से बचाने में) कि कुछ भी काम न आयीं
Surah Al-Hijr Hindi
Surah Hijr Verse 84 translate in arabic
Surah Hijr Ayat 84 meaning in Hindi
फिर जो कुछ वे कमाते रहे, वह उनके कुछ काम न आ सका
Quran Urdu translation
اور جو کام وہ کرتے تھے وہ ان کے کچھ بھی کام نہ آئے
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(15:84) and all that they had achieved proved of no avail
So nothing availed them [from] what they used to earn. meaning
Ayats from Quran in Hindi
- (मुसलमानों तुम) उस वक्त क़ो याद करके शर्माओ जब तुम (बदहवास) भागे पहाड़ पर चले
- और बन के रहने वालों (क़ौम शुऐब) और तुब्बा की क़ौम और (उन) सबने अपने
- अगर कुफ्फ़ार निकाले भी जाएँ तो ये मुनाफेक़ीन उनके साथ न निकलेंगे और अगर उनसे
- और वह लोग जो (हमसे) अर्ज़ करते हैं कि परवरदिगार हमें हमारी बीबियों और औलादों
- ग़रज़ हमने इन लोगों को (मिस्र के) बाग़ों और चश्मों और खज़ानों और इज्ज़त की
- तुम लोगों को (पहली बार भी) हम ही ने पैदा किया है
- इस पर जादूगरों ने अपनी रस्सियाँ और अपनी छड़ियाँ (मैदान में) डाल दी और कहने
- क्या इन लोगों ने इतने भी नहीं जाना यक़ीनन ख़ुदा बन्दों की तौबा क़ुबूल करता
- (ये) दुनिया के (चन्द रोज़ा) फायदे हैं फिर तो आख़िर हमारी ही तरफ लौट कर
- और (वह वक्त याद करो) जब लुक़मान ने अपने बेटे से उसकी नसीहत करते हुए
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