Surah Infitar Ayat 1 Tafseer in Hindi
﴿إِذَا السَّمَاءُ انفَطَرَتْ﴾
[ الانفطار: 1]
जब आसमान तर्ख़ जाएगा
Surah Al-Infitar Hindi
Surah Infitar Verse 1 translate in arabic
Surah Infitar Ayat 1 meaning in Hindi
जबकि आकाश फट जाएगा
Quran Urdu translation
جب آسمان پھٹ جائے گا
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(82:1) When the heaven is split asunder, *1
When the sky breaks apart meaning
Ayats from Quran in Hindi
- और (दुनिया की तकलीफों से) जो कुछ उनके दिल में रंज था उसको भी हम
- (ऐ रसूल) कह दो कि नापाक (हराम) और पाक (हलाल) बराबर नहीं हो सकता अगरचे
- उसे दिन की सल्तनल ख़ास ख़ुदा ही के लिए होगी और वह दिन काफिरों पर
- ये लोग सब्ज़ कालीनों और नफीस व हसीन मसनदों पर तकिए लगाए (बैठे) होंगे
- जो (ख़ुदा के इल्म में) फेरा जा चुका है अटकल दौड़ाने वाले हलाक हों
- और तुम कह दो कि अल्हमदोलिल्लाह वह अनक़रीब तुम्हें (अपनी क़ुदरत की) निशानियाँ दिखा देगा
- (और) तख्तों पर बैठे नज़ारे करेंगे
- तू क्या इनमें से किसी को भी बचा खुचा देखता है
- ऐ कुफ्फ़ारे मक्का (ख़ुदा का हुक्म (क़यामत गोया) आ पहुँचा तो (ऐ काफिरों बे फायदे)
- ये लोग जो चाहेंगे उनके लिए परवर दिगार के पास (मौजूद) है, ये नेकी करने
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