Surah Al Imran Ayat 111 Tafseer in Hindi
﴿لَن يَضُرُّوكُمْ إِلَّا أَذًى ۖ وَإِن يُقَاتِلُوكُمْ يُوَلُّوكُمُ الْأَدْبَارَ ثُمَّ لَا يُنصَرُونَ﴾
[ آل عمران: 111]
(मुसलमानों) ये लोग मामूली अज़ीयत के सिवा तुम्हें हरगिज़ ज़रर नहीं पहुंचा सकते और अगर तुमसे लड़ेंगे तो उन्हें तुम्हारी तरफ़ पीठ ही करनी होगी और फिर उनकी कहीं से मदद भी नहीं पहुंचेगी
Surah Al Imran Hindi
Surah Al Imran Verse 111 translate in arabic
لن يضروكم إلا أذى وإن يقاتلوكم يولوكم الأدبار ثم لا ينصرون
سورة: آل عمران - آية: ( 111 ) - جزء: ( 4 ) - صفحة: ( 64 )Surah Al Imran Ayat 111 meaning in Hindi
थोड़ा दुख पहुँचाने के अतिरिक्त वे तुम्हारा कुछ भी बिगाड़ नहीं सकते। और यदि वे तुमसे लड़ेंगे, तो तुम्हें पीठ दिखा जाएँगे, फिर उन्हें कोई सहायता भी न मिलेगी
Quran Urdu translation
اور یہ تمہیں خفیف سی تکلیف کے سوا کچھ نقصان نہیں پہنچا سکیں گے اور اگر تم سے لڑیں گے تو پیٹھ پھیر کر بھاگ جائیں گے پھر ان کو مدد بھی (کہیں سے) نہیں ملے گی
Tafseer Tafheem-ul-Quran by Syed Abu-al-A'la Maududi
(3:111) They will not be able to harm you except for a little hurt, and if they fight against you they will turn their backs (in flight), and then they will not be succoured.
They will not harm you except for [some] annoyance. And if they meaning
phonetic Transliteration
Lan yadurrookum illa athan wain yuqatilookum yuwallookumu aladbara thumma la yunsaroona
English - Sahih International
They will not harm you except for [some] annoyance. And if they fight you, they will show you their backs; then they will not be aided.
Quran Bangla tarjuma
যৎসামান্য কষ্ট দেয়া ছাড়া তারা তোমাদের কোনই ক্ষতি করতে পারবে না। আর যদি তারা তোমাদের সাথে লড়াই করে, তাহলে তারা পশ্চাদপসরণ করবে। অতঃপর তাদের সাহায্য করা হবে না।
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